‌‌‌ आक्रोशित किसानों और पुलिस में भिड़ंत, फूंक दी गाड़ी, चलानी पड़ी गोली

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-रणक्षेत्र बना चौसा का थर्मल पावर गेट, हालात नाजुक
बक्सर खबर। रात के अंधेरे में किसानों पर पुलिस की बर्बरता ने बुधवार की सुबह विस्फोटक रूप अख्तियार कर लिया है। सुबह होते ही सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित किसान एसजेवीएन थर्मल पावर के गेट पर जा पहुंचे। वहां पहले से पुलिस मौजूद थी। जिसे देखते ही किसानों का गुस्सा भड़क गया। दोनों तरफ से बल प्रयोग होने लगा। भीड़ ने पुलिस के वाहनों पर अपना गुस्सा निकाला। एक वज्र वाहन को लोगों ने आग लगा दी। आक्रोशित लोगों को पीछे धकेलने के लिए पुलिस ने हवा में पांच-छह गोलियां भी चलाई। फिलहाल थर्मल पावर के गेट से लेकर चौसा गोला तक का क्षेत्र संवेदनशील बना हुआ है।

या यूं कहें थर्मल पावर का इलाका रणक्षेत्र बना हुआ है। ऐसी स्थिति मंगलवार की रात बनारपुर गांव में पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्ण कार्रवाई का परिणाम है। चौसा में थर्मल पावर स्टेशन बन रहा है। हालांकि उसकी भूमि का अधिग्रहण पहले हो गया है। लेकिन, वहां तक रेल लाइन व पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई जानी है। उसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। पिछले दो माह से किसान उसी के खिलाफ धरना दे रहे हैं। उनका कहना है हमें नए दर से भुगतान होना चाहिए। नौ वर्ष पहले 2013 में जिस दर से भुगतान हुआ था। वह हमें पसंद नहीं, इसी को लेकर विरोध चल रहा है। अब स्थिति काम रोकने तक पहुंच गई है।

1 COMMENT

  1. रेट के पसंद नापसंद कि बात नही है नियम अनुकूल मुआबजा मिलना चाहिए, और वह है अधिग्रहण के लिए जो भूमि ली जानी है उस काम का gazzete notification (भारत का राजपत्र) के तारीख से जब हो या वर्तमान समय के हिसाब से मिलेगी

    रेल लाइन या पानी supply के लिए gazzete notification 2021 का हुआ है इसलिए मुआबजा कम से कम 2021 के रेट के अनुसार मिलेगा

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