बुजुर्गों में दिखा उत्साह लेकिन पोस्टल बैलेट का दावा खोखला

0
449

-शहरी क्षेत्र में रही उदासीनता, ग्रामीण इलाकों में हुई जमकर वोटिंग
बक्सर खबर। विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल डिस्टेसिंग व कोविड के गाइड लाइन की धज्जियां उठती हर जगह दिखी। साथ ही प्रशासन द्वारा किए जा रहे पोस्टल बैलेट से मतदान के दावे भी खोखले नजर आए। पोल खोलती यह तस्वीर राजपुर विधानसभा 202 के बूथ संख्या 208 की है। मतदाता नाम राम बचन राम उम्र के अंतिम दहलीज पर है। वोट को लेकर उत्साह देख बेटा रामदयाल अपने कंधे पर पिता को लादकर कर वोट दिलाने के लिए चल पडा। शायद पिता की अंतिम इच्छा ही समझ कर कठजा गांव के मतदाता को उत्क्रमित मध्य विद्यालय स्थित बूथ पर ले गया ।

बुजुर्ग के पहुंचने पर लोग आश्चर्य चकित हो गए। पोस्टल बैलट उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण ऐसे कई वृद्ध है। जो या तो किसी के कंधे पर ही मतदान करने जाएंगे। या तो मतदान करेंगे ही नहीं। पूछताछ के क्रम में पता चला। इस तरह के कई मतदाता है। जो लाचार अवस्था में घर पर बैठे हुए हैं। पिपरा गांव के रामाधार राजभर, शनिचरी कुंवर, घमडी राय ये लोग इस बार के मतदान में अपने को असहाय महसूस कर रहे थे । क्योंकि गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर उनका बूथ है। जहां पर जाना इनके लिए असंभव सा ही है।

बूथ नंबर 324 पर 70 वर्षीय महिला लखरानो देवी व्हीलचेयर पर

ऐसे में यह तस्वीर पोस्टल बैलेट सुविधा उपलब्ध कराए जाने के दावे का पोल खोलती नजर आ रही है। वहीं सुजातपुर गांव के बूथ नंबर 324 पर 70 वर्षीय महिला लखरानो देवी व्हीलचेयर पर बैठ कार वोट देने पहुंची । मतदान के लिए पहुंचे लोगों के लिए एक अच्छा संदेश है। ऐसी की एक तस्वीर सदर विधानसभा के बेलाउर गांव में दिखी। 95 वर्ष के वृद्ध रामनिवास चौबे मतदान करने पहुंचे। हालांकि उनके चेहरे पर इस बात को लेकर उत्साह था। मैंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here