कार्यक्रम की असफलता से परेशान चौबे की बढ़ी फजीहत, आचार संहिता उल्लंघन में फंसे

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बक्सर खबर। भाजपा के निवर्तमान सांसद अश्विनी चौबे आज बक्सर पहुंचे। उनका पहला दिन काफी गहमा-गहमी भरा रहा। जिले की सीमा में प्रवेश करते हुए उनका भव्य स्वागत हुआ। कुछ लोगों ने विरोध भी किया। ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में पूजा कर्चना करने पहुंचे तो वहां से विलंब का सिलसिला शुरू हुआ। बक्सर पहुंचने में उनको घंटो लग गए। यहां किला मैदान में विजय संकल्प कार्यकर्ता सम्मेलन था। लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा के कार्यकर्ता आमंत्रित थे। अश्विनी चौबे यहां विलंब से पहुंचे। सम्मेलन के दौरान राजपुर के विधायक सह मंत्री संतोष निराला, दिनारा के विधायक सह मंत्री जय कुमार सिंह, रामगढ़ विधायक अशोक सिंह आदि मौजूद थे। कार्यक्रम विलंब से प्रारंभ हुआ इस लिए देर तक चला। इस बीच प्रशासन को सूचना मिली समय समाप्त होने के बाद भी कार्यक्रम चल रहा है। बहुत अधिक गाडिय़ां जमा हैं। इस बीच सदर एसडीओ वहां पहुंच गए। तब तक कार्यक्रम समाप्त हो चुका था। निवर्तमान सांसद गाड़ी में बैठकर निकल रहे थे। एसडीओ ने उन्हें रोका। अश्विनी चौबे उनपर भड़क गए। लेकिन, एसडीओ केके उपाध्याय ने शालीनता का परिचय दिया। क्या इस मामले में आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हो रहा है। पूछने पर एसडीओ ने कहा वरीय पदाधिकारियों के साथ विमर्श किया जा रहा है। हालाकि सूत्रों की माने तो विवाद समय को लेकर नहीं था। कार्यक्रम तो छह बजे तक समाप्त हो गया था। किसी ने प्रशासन को सूचना दे बुलाया था। यहां बहुत गाडिय़ां जमा हैं। किसी अधिकारी के कहने पर एसडीओ और डीएसपी पहुंचे। कार्यक्रम स्थल से निकलने का जो मुख्य गेट था उसे प्रशासन ने बंद कर दिया। गेट बंद हुआ तो बवाल होना तय था। जिसका परिणाम रहा कि भाजपा के निवर्तमान सांसद व प्रत्याशी अश्विनी चौबे भड़क गए। सूचना के अनुसार कार्यक्रम के दौरान वाहनों की अनुमति नहीं थी। हालाकि जो वाहन आए थे। उन पर किसी तरह की प्रचार सामग्री थी न झंडे लगे थे। ऐसे में प्रशासन अधिक वाहनों के जमा होने का मामला दर्ज करा सकता है।


उपस्थिति नहीं होने के कारण चर्चा में रहा सम्मेलन
बक्सर खबर। विजय संकल्प सम्मेलन कम कार्यकर्ताओं की उपस्थिति के कारण चर्चा में रहा। बहुत ही कुर्सियां खाली रहीं। हालाकि एनडीए के सभी प्रमुख नेता इसमें शामिल हुए। सर्वाधिक उपस्थिति बक्सर विधानसभा एवं जदयू के अशोक सिंह गुट की रही। अन्य विधानसभाओं की उपस्थिति बहुत कमजोर रही। जब चर्चा हुई तो जदयू के अशोक सिंह ने कहा। सभी को साथ मिलकर काम करना है। यहां दो-दो मंत्री मौजूद हैं। इनकी जिम्मेवारी है। अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में वे जिम्मेवारी संभाले। उनके इस कथन पर खूब तालियां बजी। कार्यक्रम देर से प्रारंभ हुआ इस लिए देर तक चला। जिसकी समाप्ति पर यह बवाल हो गया।

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