बक्सर खबर। भारतीय जनता पार्टी के जिला संगठन में सबकुछ ठीक दिखता भले हो, लेकिन है नहीं। संगठन धड़ों में बंट चुका है, भीतर से, लेकिन ऊपर सब ठीक है दिखाने की कोशिश जारी है। यह कोशिश कब तक संगठन को बचाए रखती है, यह अभी देखना है। हालांकि संगठन के पदाधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से कतराते हैं। इस बीच पार्टी सूत्रों से मिले संके त बताते हैं कि संगठन या प्रभाव के मामले में बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। किसी न किसी दिन इसे सतह पर आना ही है। जब तक संभव है इसे रोका जा रहा है। यहां यह सवाल फिर खड़ा होता है कि आखिर कब तक इसे रोका जा सकता है? यह दिखने लगा है। यदि इसे देखने का राजनीतिक नजरिया रखते हैं तो देख सकते हैं।
शुक्रवार को भाजपा किसान मोर्चा ने पार्टी के वरिष्ठता नेता रहे कैलाश पति मिश्र के गांव दुधारचक में पार्टी का स्थापना दिवस मनाया। इस समारोह के लिए जो पोस्टर बनाया गया है, उससे बक्सर सांसद अश्विनी चौबे गायब हैं। वह भी तब जबकि वे केंद्रीय मंत्री तक हैं। इस मामले को भले ही नकार दिया जाए, लेकिन इसके निहितार्थ गहरे हैं। हालांकि जब इस ओर किसान मोर्चा केअध्यक्ष सुशील कुमार राय का ध्यान दिलाया गया तो उन्होंने सिरे से इसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बैनर पर सिर्फ पार्टी के संस्थापक नेताओं की तस्वीर लगाई है। इनके अलावा प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष की तस्वीर लगाई गई है। चूंकि यह पार्टी का स्थापना दिवस समारोह था तो इसे स्थानीय केबजाय व्यापक रूप देने का प्रयास किया है। इसमें ऐसी कोई बात नहीं है। जहां तक बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे का सवाल है तो वे हम सभी के अभिभावक हैं, नेता हैं। हम सभी उनका सम्मान करते हैं। सुशील कुमार राय इस सवाल को भले ही खारिज कर रहे हों, लेकिन यह धुंआ उठ कहां से रहा है। कहीं तो आग लगी है। बिना आग के धुंआ उठता है क्या?