– प्रशासन की धारा 144 के विरूद्ध धारा 288 का लगाया बैनर
बक्सर खबर। चौसा में बन रहे निर्माणाधीन थर्मल पावर के सामने गुरुवार को धरनारत किसानों ने अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया। उनका कहना था, हमें गेट से हटाने के लिए जिला प्रशासन ने धारा 144 लगाने की बात कही है। तो हमने भी धारा 288 का ऐलान कर दिया है। जिसका इस्तेमाल कभी 1988 के आंदोलन में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत ने किया था। प्रदर्शन में शामिल किसान नेता राम प्रवेश यादव ने कहा कि थर्मल पावर के लिए हमारी एक हजार एकड़ जमीन ले ली गई। आज हमारी मांग नहीं मानी जा रही है। हम भी यहां से नहीं हटेंगे। जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता।
यहां इस बात का उल्लेख कर देना जरूरी है कि पिछले पांच-छह दिनों से धरना दे रहे किसान थर्मल के गेट के पास आ गए हैं। उन्होंने तंबू तान दिया है और मुख्य रास्ते को बाधित कर दिया है। इसके विरुद्ध बुधवार को अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर ने धारा 144 लगाते हुए धरना देने वालों को मुख्य गेट से हटने की चेतावनी दी थी। जिसके विरोध में किसानों ने आज गुरुवार को अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया। चौसा में पिछले एक साल से प्रभावित किसान मजदूर मोर्चा धरना दे रहा है। पहले यहां थर्मल तक बनाई जाने वाली रेल व पाइप लाइन का मुआवजा देने की मांग हो रही थी। और धीरे-धीरे इसमें अन्य मांगे जुटती गई। किसानों के धरने में मजदूर का नाम भी जुड़ गया। पहले यह लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा था। अब किसानों के रास्ता जाम करने के कारण टकराव की स्थिति बनती जा रही है।