प्रशासन और कंपनी की मिलीभगत के खिलाफ विरोध मार्च बक्सर खबर। चौसा में पिछले वर्ष 20 मार्च को हुए किसानों के उत्पीड़न के खिलाफ गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा और प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के तत्वावधान में जिला मुख्यालय पर विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस मौके पर किसानों ने ‘काला दिवस’ मनाते हुए प्रशासन और एसटीपीएल कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।प्रदर्शनकारियों का काफिला चौसा गोला से निकलकर जिला मुख्यालय पहुंचा, जहां सभा आयोजित की गई। सभा की अध्यक्षता किसान मोर्चा के अध्यक्ष राम प्रवेश यादव ने की, जबकि संचालन का जिम्मा डॉ विजय नारायण राय ने संभाला। इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के बिहार प्रदेश प्रभारी एवं संयुक्त किसान मोर्चा बिहार के संयोजक दिनेश कुमार और ऑल इंडिया किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव अशोक प्रसाद सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में रैली को संबोधित किया।
भाकियू नेता दिनेश कुमार ने कहा कि चौसा थर्मल पावर प्लांट निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा है। किसानों और मजदूरों के लिए आवंटित राशि पर भ्रष्ट अधिकारियों और कंपनियों ने कब्जा जमा रखा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसानों के हक को कुचला गया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए का खाता भी नहीं खुलेगा। किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि किसानों के संघर्ष के कारण ही रेल कॉरिडोर और वॉटर पाइपलाइन के रूट में बदलाव किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रशासन और कंपनी की मिलीभगत से किसानों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जिसे किसान कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

सभा में प्रस्ताव पारित कर किसानों ने प्रभावित परिवारों को प्रति माह 3000 रुपए का भत्ता दिया जाए। प्रत्येक वयस्क भूमिधारी परिवार को एकमुश्त 5 लाख मुआवजा दिया जाए।प्रभावित मजदूरों को 750 दिन की मजदूरी जोड़कर भुगतान किया जाए। जिन किसानों की जमीन आवासीय उपयोग के लिए अधिग्रहित की गई है, उन्हें उसके बदले जमीन दी जाए आदि अपनी प्रमुख मांगें रखीं। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि चौसा, कोचाढी और मोहनपुरवा गांव में प्रशासन की मिलीभगत से पुलिस और एसटीपीएल कंपनी के गुंडों ने घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों के साथ कुकृत्य किया तथा तोड़फोड़ और लूटपाट मचाई। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों और कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो किसान शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएंगे। रैली में अजय मिश्रा, जयमंगल पांडेय, जगतारन राम, रमेश राम, शिवजी सिंह, सियाराम सिंह, नंद कुमार राम, घनश्याम चौधरी, तेतरी देवी, रामनजर राय, जितेंद्र राय, शैलेश राय, हरिश्चंद्र साह, ओमकार चौहान, रामाकांत राजभर, नंदलाल सिंह, नरेंद्र तिवारी, शर्मा तिवारी, गोरख नाथ पांडेय, एकराम खां, लाला राय, राधा प्रसाद राय, गुड्डू सिंह समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।