किसानों को मिला मूंग की खेती और गेहूं में नैनो यूरिया छिड़काव की नई तकनीक का ज्ञान

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कैथी गांव में किसानों को ड्रोन से छिड़काव का लाइव प्रदर्शन                                                                बक्सर खबर। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बुधवार को कैथी गांव में एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मूंग की वैज्ञानिक खेती और गेहूं की फसल में नाइट्रोजन प्रबंधन के लिए नैनो यूरिया के उपयोग पर जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ देवकरन ने बताया कि गेहूं की फसल में नाइट्रोजन प्रबंधन के लिए बुवाई के 25 दिन बाद 30 किलो यूरिया प्रति बीघा डालना चाहिए। इसके 7-10 दिन बाद 500 मिली नैनो यूरिया और 250 मिली सगारिका का छिड़काव करने से फसल में अधिक कल्ले बनते हैं और उसकी बढ़वार अच्छी होती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि बढ़ते तापमान को देखते हुए खेत में नमी बनाए रखने के लिए हर 12-15 दिन पर सिंचाई करें।

मुख्य प्रशिक्षक एवं विशेषज्ञ डॉ हरि गोविंद ने किसानों को मूंग की उन्नत खेती की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्नत बीज जैसे विराट, शिखा, SML-668 और IPM -2 -3 कम समय में तैयार होते हैं, 65 से 75 दिनों में और सही देखभाल से 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन दिया जा सकता है। कार्यक्रम में किसानों को ड्रोन तकनीक से छिड़काव का लाइव प्रदर्शन भी दिखाया गया। कैथी गांव के ड्रोन पायलट उत्तम पाठक ने राजेंद्र सिंह और निरंजन के खेतों में छिड़काव कर इसकी उपयोगिता समझाई। इफको के सहयोग से प्रशिक्षण में आए किसानों को नैनो यूरिया मुफ्त में दिया गया। इसमें फील्ड सहायक अजितेश दूबे ने सहयोग किया। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान सुरेश सिंह, रामाधार सिंह, रवि कुमार, ज्ञानी यादव, तेज बहादुर सिंह, विजय शंकर कुशवाहा सहित कुल 40 किसानों ने भाग लिया।

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