-प्रशासन ने बुलाई बैठक, समस्या के समाधान पर बल
बक्सर खबर। बक्सर थर्मल पावर का काम बुधवार को लगभग ठप हो गया। यहां प्रभावित किसान मोर्चा के लोग धरने पर बैठ गए हैं। इसका प्रभाव कार्य पर भी पड़ा है। गेट पर ही व्यवधान देख सैकड़ों की संख्या में मजदूर लौट गए। पांच माह के अंतराल में यह दूसरा मौका है। जब किसान मुख्य गेट पर आ जमें हैं। उनकी मांग है पाइप लाइन व रेल लाइन के लिए जो भूमि अधिग्रहित की गई है। उसका नए दर से भुगतान हो।
इसी को मुद्दा बनाकर पिछले एक साल से धरने का क्रम चल रहा है। बुधवार को यह धरना अपने निर्धारित स्थल से उठकर थर्मल के गेट पर चला आया है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे की अध्यक्षता में दोपहर के वक्त विशेष बैठक बुलाई गई। जिसमें डीएम एसपी, यहां थर्मल का निर्माण कर रही एसजेवीएन कंपनी के अधिकारी भी मौजूद रहे। यहां धरना रत लोगों की मांग पर विचार किया गया। स्थानीय स्तर से पूरी की जाने वाली मांगों को प्रशासन ने स्वीकार करने की बात कही है।
लेकिन, इसका प्रभाव फिलहाल धरने पर नहीं दिख रहा है। हालांकि बातचीत का दौर चल रहा है। क्योंकि प्रशासन पर भी दबाव है। दो माह पहले ही उच्च न्यायालय ने यह निर्देश जारी किया था। यह सरकारी उपक्रम का कार्य है। यहां धरने की वजह से काम बंद नहीं होना चाहिए। इस वजह से मामला संगीन बना हुआ है।