बक्सर खबर। कोरानसराय में दो मासूम बच्चों की भूख से मौत हो गई है। इस वजह से पूरा महकमा हील गया है। जब खबर सामने आई है, प्रशासन और पुलिस के होश फाख्ता हैं। घटना कोरानसराय दलित बस्ती की है। इसकी वजह पिता का जेल चले जाना है। अकारण मौत के शिकार बच्चों की मां ने बताया दो मई को महादलित परिवार के एक मासूम की मौत के बाद हुए बवाल था। सड़क जाम के आरोप में बच्चों के पिता शिवकुमार मुसहर डेढ़ माह से जेल में हैं। इस बीच एक बेटे तथा एक बेटी की मौत दो-तीन दिन के अंतराल में हो गई है। शिवकुमार की पत्नी धाना देवी ने बच्चों की मौत का कारण खाना व दवा का अभाव बता शासन-प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा कर दिया है।
बताया जाता है कि पहले शिवकुमार के पांच वर्षीय पुत्र गोबिंदा की मौत 30 अगस्त को हो गई। परिवार अभी इस सदमें से उबरा भी नहीं था कि एक सितंबर को 2 वर्षीय बेटी मुन्नी की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। अब उस परिवार में सिर्फ शिवकुमार की पत्नी धाना, उसकी बूढ़ी मां व छह वर्ष का एक पुत्र अर्जुन बचा है। परिवार में दो मौत से अधिक चिंता बचे सदस्यों को भरपेट भोजन की है। सोमवार को मीडिया के सामने धाना ने बताया कि उसके पति शिवकुमार ही परिवार का भरण पोषण करते थे। लेकिन उनके जेल चले जाने के बाद परिवार के समक्ष दो वक्त की रोटी पर संकट पड़ गया है। उसके परिवार के समेत करीब डेढ़ सौ घरे वाले महादलित बस्ती के अधिकांश घरों को राशन-किराशन नहीं मिलता है। बस्ती के लोगों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है। जिससे वे सरकारी सुविधाओं से महरूम हो रहे है। इस घटना के बाद महादलित बस्ती के लोगों में शासन- प्रशासन के खिलाफ गहरा आक्रोश है।
डीएम के आदेश पर एसडीएम पहुचे जांच करने
बक्सर खबर। कोरानसराय के महादलित बस्ती में भूख के कारण दो बच्चों की मौत को डीएम राघवेन्द्र कुमार सिंह ने गंभीर मामला बताया है। उसके बाद उन्होंने देर शाम डुमरांव एसडीओ हरेन्द्र राम को जांच के लिए भेजा। मौके पर जांच को पहुंचे एसडीओ हरेन्द्र राम ने कहा मामला बीमारी से हुई मौत का प्रतीत हो रहा है। वैसे यह बयान तो प्रशासन का है। लेकिन, पंचायत मुखिया और बीडीओ की जवाबदेही कौन तय करेगा।