बक्सर खबर। जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने के बाद समाहरणालय का निरीक्षण किया। डीडीसी अरविंद कुमार के साथ घूमते-घूमते वे आइसीडीएस कार्यालय पहुंचे। वहां दो लिपिक संवर्ग के कर्मचारी मिले। डीएम ने पूछा आप दोनों में प्रधान सहायक कौन है। दोनों उलझन में पड़ गए। एक दूसरे को प्रधान लिपिक बताने लगे। डीएम परेशान अरे वाह इतना कनफ्यूजन। दोनों का वेतन बंद करो। इनसे जवाब पूछो। यह निर्देश दे डीएम आगे निकल गए। उन्होंने शुक्रवार को ही अपराह्न पांच बजे सभी मातहतों की बैठक बुलाई।
स्पष्ट निर्देश दिया, सभी कार्यालयों में कार्यरत लोगों की सूची लगी होनी चाहिए। अपना परिचयपत्र लगाकर कर्मचारी कार्यालय में रहेंगे। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पर गहन विमर्श हुआ। डीएम ने कहा बेहतर प्रदर्शन तब माना जाएगा। जब आपके प्रयास से जिले की रैंक में सुधार हो। इसके अलावा एनएच 84 के प्रगति कार्य एवं आगजनी की घटनाओं से जुड़ी रिपोर्ट सभी सीओ से तलब की गई। डीएम ने पूछा आपने कितने को मुआवजा अथवा अनुदान की राशि उपलब्ध कराई है। इसकी रिपोर्ट दें। उनके तेवर देख सभी लोग समझ गए। अगला गर्मी में चैन से नहीं रहने देगा।