त्रिमुहानी पर “संगम गोष्ठी” का आयोजन, वैद्य ने औषधीय पौधों की पहचान कराई बक्सर खबर। शहर के फाउंडेशन स्कूल द्वारा स्थानीय त्रिमुहानी स्थित गंगा ठोरा संगम पर एक शैक्षणिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में छात्रों ने गंगा जैसी प्रमुख नदियों, जनतंत्र, पर्यावरण संरक्षण और इससे जुड़ी समस्याओं एवं उनके संभावित समाधानों पर शोध प्रस्तुत किया। गोष्ठी में चर्चा के दौरान छात्रों ने गंगा नदी के सांस्कृतिक, भौगोलिक और जैव विविधता से जुड़े महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने गंगा नदी के बढ़ते प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और मानवजनित हस्तक्षेपों पर चिंता जताई। नदी संरक्षण की आवश्यकता को समझने के लिए छात्र गंगा ठोरा संगम के किनारे खड़े होकर उसकी वास्तविक स्थिति को करीब से देखने और महसूस करने का अनुभव प्राप्त किया।
गोष्ठी में विशेष अतिथि के रूप में शामिल वैद्य प्रोफेसर जेपी सर ने छात्रों को गंगा तट पर मिलने वाले औषधीय पौधों की पहचान कराई। वहीं, नमामि गंगे के डीपीओ शैलेश राय ने जल संरक्षण और संसाधनों के संतुलित उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि मनुष्य हमेशा रिसीवर मोड पर रहा है, जबकि हमें अपने संसाधनों के संरक्षण और संतुलन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
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फाउंडेशन स्कूल के उपप्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण ने इस संगोष्ठी का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि छात्रों को न केवल चर्चा और शोध में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए, बल्कि उन्हें वैश्विक समस्याओं के समाधान हेतु वकालत करने और नेतृत्व की क्षमता विकसित करने की प्रेरणा भी मिलनी चाहिए। इस अवसर पर फाउंडेशन स्कूल के निदेशक प्रदीप मिश्रा, एकेडमिक एक्सीलेंस हेड एसके दूबे, शिक्षक अमित कुमार, उपप्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण सहित कई शिक्षाविद और पर्यावरणविद उपस्थित रहे। सभी ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में इस तरह की संगोष्ठियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।