बक्सर खबर। अगर आपके घर में कोई बीमार हैं तो सावधान हो जाएं। स्वयं उचित अस्पताल अथवा डाक्टर के यहां जाएं। किसी आशा अथवा कंपाउडर के झांसे में नहीं आएं। अन्यथा मरीज का चाहे जो हो। आपका खून अस्पताल में चूस लिया जाएगा। ऐसी ही घटना सिमरी थाना के बड़का सिंघनपुरा निवासी मुन्ना साह के साथ हुई है। जिनकी पत्नी रिंकू देवी को बच्चा होने वाला था। गांव की आशा की सलाह पर डुमरांव क निजी अस्पताल पहुंचा।
वहां से बक्सर के एक अस्पताल में भेज दिया गया। यहां आया तो महिला का ऑपरेशन हुआ। पेट का बच्चा मर गया। क्योंकि मरीज की हालत पहले से नाजुक थी। लेकिन, मरीज को बचाने के नाम पर उसे खून बेचा गया। चौदह हजार रुपये में एक यूनिट खून चढ़ाया गया। हालाकि भुगतान में कुछ छूट की बात कही गई। जब मामला आमजन के सामने आया तो यह कहते हुए मरीज को रेफर कर दिया गया कि उसका किडऩी फेल है। ज्यादा देर की मेहमान नहीं।
प्रशासन ने की जांच, पटना भेजा गया मरीज
बक्सर खबर। चौदह हजार रुपये में खून नहीं खरीद पाने के कारण परेशान मुन्ना साह ने शहर के सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह से संपर्क किया। उसने बताया मुझे बी निगेटिव ग्रुप के खून की आवश्यकता है। युवाओं ने उसे रक्त उपलब्ध कराया। एक यूनिट खून चढ़ा लेकिन, लेकिन दूसरा पैकेट रख दिया गया। मरीज को वही खून चढ़ाया गया जो पटना से खरीद कर लाया गया था। मरीज को अस्पताल से रेफर करने से पहले वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मी भृगुनाथ ने कहा रुपये जमा करो। तब मरीज जाएगा। मीडिया के लोग पहुंचे अस्पताल में हंगामा खडा हुआ। तब सदर अस्पताल और एसडीओ के यहां से जांच टीम पहुंची।
तब मरीज को वहां से छुट्टी मिली। सूचना है कि जिस मरीज को पटना पहुंचा दिया गया है। फिलहाल महिला को होश आ गया है। लेकिन, यहां के अस्पताल में जो हो रहा है। उससे एक बात स्पष्ट हो गई है। यहां खून बेचने का कारोबार चल रहा है। चरित्रवन में आई टी आई मैदान के पास स्थित इस अस्पताल की व्यवस्था के बारे में पूछने पर सिविल सर्जन ने कहा पूरे मामले की जांच होगी। मरीज के परिजनों का आरोप है कि यहां कंपाउडर ही डाक्टर बन इलाज कर रहा था। हालाकि उसने कहा डाक्टर आए थे। उन लोगों ने आपरेशन किया था। हम तो सिर्फ दवाएं दे रहे हैं।
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Bhai khabar likhane ke sath proof reading kr liya kro