-पूछने पर एसडीओ ने कहा आदेश में इसका उल्लेख नहीं
बक्सर खबर। लॉकडाउन के दौरान बाजार और सड़कों पर भीड़ कम जमा हो। इसी के लिए तमाम आदेश जारी किए जा रहे हैं। इस बीच शनिवार को जिला प्रशासन ने नया आदेश जारी किया। फल, सब्जी, मछली, मांस व अंड़े की दुकानें सिर्फ एक टाइम खुलेंगी। जिसका समय सुबह 6 से 10 का होगा। उसके बाद दुकानें नहीं खुलेंगी। उस आदेश में इस बात का उल्लेख नहीं है। ठेले पर सब्जी अथवा फल बेचना मना है। आज रविवार को शहर में कुछ विरोध के स्वर उठे। इस लिए बक्सर खबर अनुमंडल प्रशासन ने संपर्क साधा।
तो एसडीओ केके उपाध्याय ने पलट कर जवाब दिया। आपसे किसने कहा। ठेले नहीं चलेंगे। दुकानें नहीं खुलेंगी, सब्जी की मंडी नहीं लगेगी। अगर कोई गली-मुहल्ले में ठेला लेकर सामान बेचता है। तो उस पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। हां इस बात का ध्यान जरुर रखना है। ठेला किसी चौक-चौराहे पर खड़ा कर वहां मजमा लगाने की अनुमति नहीं है। जब पहली दफा लॉकडाउन लगा था। उस समय भी ठेले पर प्रतिबंध नहीं था। सब्जी और फल की दुकानें सिर्फ सुबह ही क्यूं।
यह पूछने पर उन्होंने कहा राज्य सरकार के निर्देश के अनुरुप ऐसा किया गया है। क्योंकि स्थायी तौर पर लगने वाली सब्जी मंडी भीड़ बढ़ा रही है। दस बजे के बाद दुकानें खुलनी हैं। इस लिए समय को सीमित किया गया होगा। बहरहाल प्रशासन का अपना अलग पक्ष है। लेकिन, फिलहाल पाठक यह जान लें। फल, सब्जी, मांस-मछली की दुकानों को लेकर जो आदेश जारी है। वह स्थायी दुकानों और मंडी के लिए है। ठेले चाहे फल के हों अथवा सब्जी के। वे लग सकेंगे। लेकिन, स्थायी तौर पर नहीं। उनको ठेलते रहना होगा। जिस तरह खबरों को मीडिया व आदेश को प्रशासन ठेल रहा है।
ठेलते रहें
मै सुजीत कुमार
ग्राम पोस्ट मठिला जिला बक्सर से( पाठक बक्सर खबर )
मै आज सुबह अपनी निजी वाहन से बक्सर कुछ जरुरी काम से गया था
मुझे ऐसा कही नहीं दिखाई दिया की जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए नियम का पालन हो रहा है
ना जाते समय और ना ही आते समय
जैसे ही मै अपने घर पंहुचा तो मुझे पता चला की मेरे घर की रसोई गैस ख़त्म हो चूका है उसके बाद मै कोरान सराय नाथ गैस एजेंसी पर गया तो रास्ते मे पुलिस की जीप कोरान मठिला नहर पर मौजूद था लेकिन आने जाने वालो की कोई परवाह नहीं लोग बिना हेलमेट बिना मास्क जाते आते देखे गए लेकिन पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ा
एक और बात वही उसी नहर मे लगभग 10, 12 लड़के कूद कूद नहा भी रहे थे और पुलिस हाथ पर हाथ रख के बैठी है क्या फर्क पड़ता है