बक्सर खबर। धर्म कोई भी हो। उसका एक मात्र लक्ष्य है मानव का कल्याण। अगर आप किसी की पीड़ा को महसूस करते हैं तो आप धार्मिक हैं। यही वैष्णव धर्म सीखाता है। यह बातें सोमवार को धर्म सम्मेलन के दौरान राष्ट्र के महान संत पूज्य जीयर स्वामी ने कहीं। उन्होंने कहा भारत वर्ष के महान समाजसेवी गांधी हमेशा एक भजन गाते थे। वैष्णव जन को तेने कहिए, पीर पराई जाने रे…। यही नहीं डा. भीम राव अंबेडकर को जिन लोगों ने पढ़ा हो। वे अध्ययन कर के देख लें। उन्होंने कहा है एक हजार वर्ष पहले धरा-धाम पर आए महान संत रामानुज स्वामी ने जो सिद्धांत दिया है। वह सबको साथ लेकर चलने वाला है।
वे उनकी प्रशंसा करते हैं। हमारे कहने का तात्पर्य यह है वैष्णव धर्म सबको साथ लेकर और मानवता की सिफारिश करता है। यही मानव धर्म है, जिसका हम सभी को अनुसरण करना चाहिए। सम्मेलन में देश भर से संत महात्मा आए थे। सभी ने अपनी-अपनी बातें रखी। इटाढ़ी के काशिमपुर-इंदौर में चल रहे वैष्णव सम्मेलन की अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण मंदिर बक्सर के महंत राजगोपालाचार्य जी ने की। एवं संचालन स्वयं पूज्य स्वामी जी एवं इस कार्य में उनका सहयोग सोनपुर के पीठाधीश्वर लक्ष्मणाचार्य जी ने किया।