बक्सर खबर। पुत्र प्राप्ति एवं धन धान्य के लिए किया जाने वाला गणेश चतुर्थी का आज व्रत मनाया जा रहा है। जिसे आम बोलचाल की भाषा में गणेश चौथ भी कहते हैं। धार्मिक पुस्तकों के अनुसार इसे बहुला व्रत भी कहा जाता है। पूजनो परांत चन्द्रमा को अर्घ दिया जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार रात्रि 8: 57 में चंद्रोदय का समय है। उसी समय अर्घ दिया जाएगा। हालाकि बारिश का मौसम होने के कारण चन्द्र दर्शन में बादल व्यवधान पैदा कर सकते हैं।
इस मंत्र से चन्द्रमा के अर्घ देने से होती है मनोकामना पुरी
बक्सर खबरः चन्द्रार्घ मंत्र– ॐ क्षीरोदार्णव सम्भूत अत्रि गोत्र समुद्भव।
ग्रहाण अर्घ्यं शशांकेद रोहिणी सहितो मम।।
प्रदक्षिणा मंत्र- यानि कानि च पापानि जन्मांतरेव कृतानि च।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणा पदे पदे।।
पाँच बार अर्घ्य एवं पाँच प्रदक्षिणा चन्द्रमा का करने का शास्त्रीय विधान है। आज ही के दिन कुवाँरी कन्यायें बहुला व्रत रखती है। सायं काल होने पर मिट्टी या गोबर से गाय बछड़े, पहाड़ एवं बाघ की प्रतिमा बनाकर पीढ़ा पर स्थापित कर गणेश सहित पूजा करती है। और अपनी मनोकामना सिद्धि हेतु विशेष प्रार्थना करती है।
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