कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ गायत्री महायज्ञ

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-मंदिर के वार्षिकोत्सव पर प्रत्येक वर्ष होता है कार्यक्रम
बक्सर खबर। गायत्री शक्तिपीठ सेंट्रल जेल रोड में तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव प्रारंभ हो गया है। पहले दिन सैकड़ों की तादाद में महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। रामरेखा घाट से जल लेकर श्रद्धालु यज्ञ स्थल पहुंचे। जहां 16 व 17 को नौ कुंडीय यज्ञशाला में गायत्री महायज्ञ की आहुतियां दी जाएंगी। कहते हैं गायत्री परिवार वाले समाज सुधारने का अभियान चलाते हैं। शुक्रवार को बक्सर की सड़कों पर यही देखने को मिला। कलश यात्री व उनके साथ चल रहे लोग नारे लगा रहे थे। हम बदलेंगे युग सुधरेगा, नशा न करना मान लो कहना जैसे नारे लगा रहे थे।

गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी रामानंद तिवारी ने कहा प्रत्येक वर्ष यह कार्यक्रम 15 से 17 दिसंबर के मध्य होता है। बक्सर के लोगों को चाहिए कि वे यह प्रयास करें, जो विश्वामित्र अथवा बक्सर महोत्सव कभी-कभी होता है। वह गायत्री यज्ञ के साथ हो। क्योंकि यह महर्षी विश्वामित्र की भूमि है। और वही गायत्री मंत्र के द्रष्टा ऋषि हैं। अर्थात बक्सर ही मां गायत्री का मुख्य स्थल है। हम लोग जो कार्यक्रम आयोजित करते हैं उसमें 16 मूर्तियों का दशविध स्नान, श्रृंगार, देव पूजन व नौ कुंडीय यज्ञ होता है। संध्या में दीप महायज्ञ एवं प्रज्ञा यज्ञ भी होता है। 17 दिसंबर को यज्ञ संस्कार एवं संकल्प गोष्ठी के साथ महाप्रसाद लेकर महोत्सव का समापन हो जाएगा।

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