बिजली बिल बकाया पर सरकार की दोहरी नीति: डॉ अजित कुशवाहा 

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गरीबों का कनेक्शन तुरंत कटता है, रसूखदारों पर कोई कार्रवाई नहीं                                                        बक्सर खबर। बिहार विधानसभा के बजट सत्र में डुमरांव विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह ने बिजली बिल बकाया को लेकर सरकार की नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने डुमरांव टेक्सटाइल लिमिटेड अर्थात सुता मिल पर 2.65 करोड़ रुपए के बकाया बिजली बिल की वसूली और इसके निदेशकों के बिजली कनेक्शन काटने की मांग उठाई। मिल के निदेशकों पर करीब 2,65,13,742 का बकाया बिजली बिल पिछले 20 वर्षों से लंबित है। 2022 में सरकार ने जवाब दिया था कि नीलामवाद, केस संख्या 24/2014-15 चल रहा है, लेकिन 2025 में भी सरकार का वही जवाब है। नए नोटिस जारी होने की बात कही जा रही है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

डुमरांव विधायक ने सवाल उठाया कि सरकार गरीबों और आम उपभोक्ताओं पर तुरंत कार्रवाई करती है, लेकिन टेक्सटाइल मिल के निदेशकों, डुमरांव राज परिवार के स्व. कमल सिंह, चन्द्रविजय सिंह, पवन कुमार पटवारी, जयशंकर मिश्रा, विश्वभर लाल पटवारी और रोहित पटवारी के बिजली कनेक्शन अब तक नहीं काटे गए। जबकि छोटे उपभोक्ताओं का बिजली बिल बकाया होने पर तेजी से कनेक्शन काटे जा रहे हैं। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को तुरंत नोटिस और दंड का सामना करना पड़ता है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में व्यापक स्तर पर बिजली काटी जा रही है। विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की बिजली बिल वसूली नीति दोहरी है। गरीबों से कड़ा व्यवहार और रसूखदारों को छूट देना सरकार की जनविरोधी नीति को दर्शाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि आगामी चुनावों में जनता इस दोहरी नीति का जवाब देगी।

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