बक्सर खबर। सात वर्ष पहले जो बेटा रोजी-रोटी के चक्कर में खो गया था। वह मंगलवार को मिल गया। जब माता-पिता और परिजनों ने उसे अपने सामने देखा तो सब मारे खुशी के निहाल हो गए। लगभग चौदह-पन्द्रह वर्ष का सुनील गोड़ अपने परिवार वालों को पहचान गया। हालाकि वह नाम तो जानता था। लेकिन सात वर्षों के मजबूर हालात ने उसे बहुत कुछ भूला दिया था। चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से उसके गांव और परिवार का पता लगा। परिवार के लोगों को यहां बुलाया गया। फिर कागजी प्रक्रिया पूरी कर सुनील को उनके हवाले किया गया। चाइल्ड लाइन के संतोष सिंह ने बताया चार माह पहले यह बच्चा दिल्ली से बक्सर भेजा गया। यहां बाल सुधार गृह में उसे रखा गया था। लड़के को सिर्फ बक्सर और बड़का गांव याद था। बक्सर बिहार में बड़का गांव उत्तर प्रदेश के बलियां जिला में।
इस वजह से लोगों को काफी परेशानी हुई। जब बलियां के बड़का गांव, टोला पटेल नगर में चाइल्ड लाइन की टीम पहुंची तो उसके पिता शिवशंकर गोड़ से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया सात वर्ष पहले हम लोग कमाने-धमाने गाजियाबाद गए थे। मेरा बेटा वहां कहीं भटक गया। बेटा नहीं मिला तो उसके गम में हम लोग वापस चले आए। वहीं दूसरी तरफ सुनील कई वर्षो तक दुकानों में काम कर पेट पाल रहा था। इसी वर्ष श्रम विभाग का छापा पड़ा और बाल श्रमिक के रुप में उसे पाया गया। वहां से मुक्त कर बाल सुधार गृह दिल्ली फिर वहां से बिहार भेजा गया। लेकिन इससे पहले इतना लंबा समय गुजर गया था कि परिवार वाले उसके मिलने की उम्मीद खो चुके थे। अब वे अपेन बच्चे को पाकर काफी खुश नजर आ रहे थे। पाठक ध्यान रखें अगर आप भी किसी बच्चे को भटका अथवा लावारिस हाल में देखे तो 1098 पर फोन कर सूचना दें।