बक्सर खबर : बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सोमवार को सिविल सर्जन का घेराव किया। प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार ओझा, रामबाबू राम व महावीर पंडित संयुक्त सचिव ने इसका नेतृत्व किया। कर्मचारी संघ द्वारा 28 जनवरी से ही इसका विरोध जारी है। नेताओं ने कहा आशा कर्मचारियों को स्थायी सेवक घोषित किया जाए।
ए एन एम की तर्ज पर अल्प अवधि का प्रशिक्षण देकर एक हजार की आबादी पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रुप में नियमित कार्य की गारंटी दिया जाए। जब तक इनकी सेवा स्थायी नहीं होती आशा और ममता को 18 हजार रुपये का न्यूनतम भुगतान किया जाए। साथ ही निदेशक के पत्र के आलोक में जब तक आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन का भुगतान नहीं हो जाए। प्रबंधक व कैशियर का भुगतान नहीं हो।
सभी अस्पतालों में ममता व आशा सेड का निर्माण कराया जाए। प्रदर्शन को रीता देवी, रजनी देवी, उषा देवी, मीना देवी, सुन्दरी देवी, सुनिता, मधुरा, राजकुमारी, रीना, जीवन देवी, सविता देवी, कुसुम, हीरामुनी, सीमा, रेखा देवी, सुरेन्द्र, संजय बहादुर सिंह, नित्यानंद ओझा, अनिता देवी ने संबोधित किया।