‌‌‌नगर निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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-मुख्य पार्षद पद का आरक्षण बना कारण
-बक्सर नगर परिषद पर ग्रहण, चौसा व ब्रह्मपुर की स्थिति स्पष्ट नहीं
बक्सर खबर। नगर निकाय चुनाव को लेकर दायर सुनील कुमार की याचिका पर हाई कोर्ट का फैसला आ गया है। आज मंगलवार को जारी आदेश में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने राज्य निर्वाचन आयोग को समीक्षा के उपरांत पुन: नोटिफिकेशन जारी करने का निर्देश दिया है। याचिका में मुख्य पद पर दिए गए आरक्षण को लेकर सवाल उठाए गए थे। जिसमें ओबीसी व पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को चुनौती दी गई। हालांकि उच्च न्यायालय का आदेश 86 पन्नों का है। जिसमें अनेक निर्देश व कई राज्यों के हाई कोर्ट के निर्देशों (जैसे महाराष्ट्र उच्च न्यायालय) का उल्लेख है।

फिलहाल मुख्य व उप मुख्य पार्षद के आरक्षित पदों को लेकर रोक का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। न्यायालय का आदेश आरक्षित पदों के लिए है। जिसके तहत बक्सर नगर परिषद भी आता है। क्योंकि यहां के मुख्य व उप मुख्य पार्षद का पद पिछड़ा वर्ग की महिला  के लिए आरक्षित था। हालांकि यह हाल डुमरांव नगर परिषद के मुख्य पार्षद पद का भी है। वह भी पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है। लेकिन, फिलहाल वहां चुनाव नहीं हो रहा था। लेकिन, बक्सर के चुनाव पर पूरी तरह ग्रहण लग गया है। वहीं चौसा व ब्रह्मपुर के मुख्य पार्षद का पद सामान्य वर्ग महिला का है। वहां चुनाव हो सकते हैं। हालांकि अब जिलों को राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का इंतजार है। वहां से जो निर्देश प्राप्त होंगे। उसी के अनुरूप आगे का निर्णय लिया जाएगा।

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