बक्सर खबर। समस्या तो समस्या होती है। वह गांव की हो या शहर की। ऐसा नहीं की जिला का अस्पताल ही बदहाल है। गांव के अस्पतालों को भी उतना ही बुरा हाल है। यहां बच्चों का टीकाकरण तो होता है। लेकिन, बीमार रोगी का उपचार करने वाला कोई नहीं। यह हाल है चौसा प्रखंड के अंतिम सीमा पर बने सरेंजा अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र का। यह अस्पताल भी सदर विधानसभा में आता है। लेकिन, यहां तक कोई नहीं आता। बात जन प्रतिनिधियों की करें या जिले के वरीय पदाधिकारियों की। कोई इसका हालचाल लेने नहीं जाता।
इसकी दुर्दशा पर आवाज उठाई है एक योगी ने। जिनका नाम हरीनारायण हैं। वे पिछले दिनों इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले। अस्पताल का हाल बताया और सरेंजा गांव के गौरव से उनको अवगत कराया। कभी यहां रोजगार सृजन होता था। आज वह गांव उपेक्षित है। गांव में हाई स्कूल नहीं। जबकि यह जिले का बड़ा गांव हैं। जिस गांव में एक चौकी होनी चाहिए। वहां के लोगों को पानी भी मयस्सर नहीं। गांव की आबादी को देखते हुए वहां बड़ी पानी टंकी बनाई गयी है। लेकिन, वह चलती नहीं हैं। घरों में नल लगे हैं। जिसे देखकर गांव वाले उम्मीद पाले हुए हैं।
शायद नल जल वाली सरकार का ध्यान इस बंद व्यवस्था पर जाए। इन सभी बातों को सरकार तक पहुंचाने वाले योगी हरीनरायण सरेंजा को लेकर काफी संवेदनशील हैं। उनका कहना है आश्वासन मिला है। अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राष्ट्रीय हिंदू वाहिनी के वे अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह ठाना है अगर इस गांव की समस्या का निदान नहीं हुआ तो वे चुप नहीं बैठेंगे। यहां के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी वे मुखर होंगे।