बक्सर खबर। पति गैर प्रदेश में कमाने गया। पत्नी को कुछ लोगों के आकर्षण में आ गई। बीच-बीच में पति आता-जाता रहा। लेकिन उसे कुछ भी पता नहीं था। उसके पीछे यहां पक रहा है। कुछ दिन गांव के लोगों ने उसके पास फोन किया। तुम्हारे घर में कोई और व्यक्ति रह रहा है। यह सुनते ही खरहाटांड निवासी गोपाल ओझा के होश उड़ गए। उसने तत्काल अपनी पत्नी सुमन ओझा को फोन मिलाया। लेकिन उसे कुछ माकूल जवाब नहीं मिला। भागा-भागा बंगाल के पुर्लिया से गांव पहुंचा। यहां अपने ही घर में उसे जाने से रोक दिया गया। कहा गया घर बिक चुका है।
उसकी पत्नी ने दस बिघे जमीन समेत पूरा घर दूसरे लोगों को बेच दिया है। पत्नी से भी मुलाकात नहीं हुई। क्योंकि वह किसी दूसरे के घर में रह रही है। गोपाल को शक हुआ मेरे रहते जमीन बिकी कैसे। कागजात इकट्ठा किया तो पता चला उसे मृत घोषित कर दिया गया है। पंचायत से इसका प्रमाणपत्र भी निर्गत हो गया है। उसने खरीद-बेची के कागजात निबंधन कार्यालय से प्राप्त किए। पता चला ध्रूव ओझा प्रखंड अध्यक्ष जदयू, सुनील ओझा मुखिया के भाई, कमलेश यादव ने यह सारा खेल किया है। इनके अलावा कुल दस अन्य लोगों के खिलाफ पीडि़त पति ने आज गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई। इसमें हीरा देवी, मृत्युंजय ओझा, लालसा देवी, नीतू ओझा, पूष्पा देवी, बुद्धी राम यादव, बीरबल यादव का नाम शामिल है। थानाध्यक्ष ने कहा पूरी जमीन पर धारा 144 लगा दी गई है। एसडीओ को भी 107 लागू करने के लिए लिखा गया है।
कैसे जारी हुआ मृत्यु प्रमाणपत्र
बक्सर खबर। गोपाल ओझा ने यह आरोप लगाया है। मेरे रहते ऐसा प्रमाणपत्र किसने जारी किया। अगर ऐसा हुआ है तो यह स्पष्ट होता है। यह साजिश कई लोगों ने मिलकर की है। गोपाल के अनुसार उसकी पूरी सम्मति का मूल्य 1 करोड़ 20 लाख दिखाया गया है।