जैविक मेला-सह-बायर सेलर मीट में किसानों ने दिखाए जैविक उत्पाद बक्सर खबर। स्थानीय बाजार समिति रोड स्थित संयुक्त कृषि भवन में शुक्रवार को कृषि विभाग द्वारा एक दिवसीय जैविक उत्पादक मेला-सह-बायर सेलर मीट का आयोजन किया गया। इस मेले का उद्घाटन जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया, जबकि मंच संचालन अमान अहमद ने किया।मेले में किसानों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में जैविक खेती की अपार संभावनाएं हैं, और जिले के प्रगतिशील किसान इस क्षेत्र में शानदार कार्य कर रहे हैं। हाल ही में राज्यस्तरीय मेले में बक्सर के किसानों ने जैविक उत्पादों की अद्भुत प्रदर्शनी से जिले का नाम रोशन किया है। इसी क्रम में किसानों को प्रोत्साहित और जागरूक करने के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है।
जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने मेले में प्रदर्शित जैविक उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों से होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए जैविक उत्पाद हमारे स्वास्थ्य के लिए वरदान हैं। उन्होंने किसानों से जैविक खेती को अपनाने और समाज को रसायनमुक्त खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने की अपील की। मेले में प्रगतिशील किसानों द्वारा लगाए गए आकर्षक स्टॉलों ने लोगों का ध्यान खींचा। खासतौर पर गेरुआबांध के कृषक कमलेश पांडेय द्वारा प्रदर्शित रंग-बिरंगी फूलगोभी ने सभी को चकित कर दिया। इसके अलावा, लालबिहारी सिंह, सुरेश सिंह, शशिकांत सिंह, अंकित कुमार सिंह, गौरीशंकर सिंह, दिनेश सिंह, देवेंद्र कुमार सिंह, रंजन कुमार मौर्य, हरेराम सिंह, निखिलेश्वर तिवारी, गीता देवी सहित कई किसानों ने अपने जैविक सब्जी एवं अनाज उत्पादों की शानदार प्रदर्शनी लगाई।
इस मेले में बायर सेलर मीट के तहत किसानों और खरीदारों को आपस में संवाद करने और व्यापारिक संबंध स्थापित करने का अनूठा अवसर मिला। किसानों ने अपने जैविक उत्पादों की बिक्री भी की, जिससे जैविक उत्पादों को बाजार में उचित पहचान मिल सके। मेले में केवीके के प्लांट ब्रीडिंग विशेषज्ञ हरिगोविंद जायसवाल, भूमि संरक्षण उप निदेशक आशीष कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शेखर किशोर व शेखर कुमार सहित कई कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान उपस्थित थे। मेले के समन्वयक संजय कुमार श्रीवास्तव और रघुकुल तिलक ने बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से किसानों को नवीनतम तकनीकों और बाजार से जुड़ने का मौका मिलता है। इस आयोजन से जिले में जैविक खेती को नई दिशा मिलेगी और किसान रसायन मुक्त खेती की ओर प्रेरित होंगे।