खानपान एवं आयुर्वेद से सुधारे स्वास्थ्य

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बक्सर खबर। एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड एवं भारतीय धरोहर के सहयोग से आहार विहार एवम् आयुर्वेद पर स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें वैद्य हरेंद्र नाथ उपाध्याय ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार प्रत्येक मनुष्य की अपनी अपनी प्रकृति होती है। वह वात, पित्त, कफ, होता है और उसी के अनुरूप भविष्य में बीमारी होती है।

जैसे सुगर की बीमारी 70 प्रतिशत कफ प्रकृति के लोगों को ही होता है। वात प्रकृति वालों गढ़िया रोग होता है।प्रत्येक मनुष्य को सूर्योदय से पहले जग जाना चाहिए। 15 दिन पुराना आटा नहीं उपयोग करना चाहिए। भोजन के एक घंटे पहले और बाद ही पानी पीना चाहिए। यह कार्यक्रम चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव में आयोजित किया गया था।

वैद्य ने आयुर्वेद की महत्ता को बताया और अंग्रेजी दवाइयों के साइड इफेक्ट के बारे में समझाया। इस अवसर पर एसजेवीएन थर्मल के HR कुलदीप राज, चौसा प्रखंड के बीडीओ,अशोक तिवारी जी, रामनाथ ओझा, भारतीय धरोहर के बृजेश मिश्रा, रोहित ओझा इत्यादि मौजूद रहे।

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