इलाज के अभाव में मर गया नवजात, डॉ गिरिजा तिवारी के खिलाफ परिवाद दायर

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बक्सर खबर । शहर की मशहूर लेडी डॉक्टर गिरिजा तिवारी के खिलाफ अदालत में परिवाद दायर किया गया है। उन पर पैसों के लिए एक गर्भवती स्त्री के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है, जिसका बच्चा जन्म लेने के महज दो दिनों बाद मर गया। परिवाद की जद में डॉ तिवारी के पति डॉ रंगनाथ तिवारी भी आए हैं।

चिलहरी निवासी धीरज कुमार के मुताबिक उनकी पत्नी सरिता देवी गर्भवती थी। जब कभी जरूरत पड़ी डॉ गिरिजा तिवारी के यहां उसे दिखाया गया। बीते 17 मार्च को उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। करीब ग्यारह बजे रात में उसे डॉ गिरिजा तिवारी के यहां सिद्धाश्रम सेवा सदन लाया गया। धीरज की मानें तो उस वक्त डॉ गिरिजा तिवारी ने यह कहकर मरीज को देखने से मना कर दिया कि अभी दवा की दुकान बंद हो चुकी है। कल सुबह इलाज होगा। रात भर वे लोग वहीं रहे। अगली सुबह धीरज को ढाई हजार रूपया जमा करने के लिए कहा गया। पैसा जमा किया गया। इधर, सरिता दर्द से कराह रही थी और उसके पेट से लगातार पानी गिर रहा था। धीरज के मुताबिक उसने डॉ से कहा कि पानी बहुत ज्यादा गिर चुका है। ऑपरेशन करके बच्चा निकाल दीजिए या फिर रेफर कर दीजिए। लेकिन, उन्होंने ऑपरेशन नहीं किया और रेफर करने के एवज में पचास हजार रूपया जमा करने का अड़ंगा लगाया। इसके बाद उन्होंने सरिता को देखना भी बंद कर दिया। 20 मार्च को उसकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। उसने एक बच्चे को जन्म दिया, जो पानी गिर जाने के कारण बहुत ज्यादा कमजोर था। मरणासन्न था। उसे तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बच्चे को पटना के महावीर वात्सल्य अस्पताल रेफर कर दिया। 21 मार्च को बच्चा पटना ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे के बचने की संभावना बहुत कम है। इलाज में कोताही के चलते इसकी हालत गंभीर है। दो दिनों तक चले इलाज के बाद नवजात की मौत हो गई। धीरज इस गम में डूबा डॉ गिरिजा तिवारी के अस्पताल पहुंचा और उनसे मिला। उसके अनुसार वहां डॉ तिवारी के पति और स्टाफ ने उसके साथ गाली-गलौज व मारपीट की। धमकी भी दिया कि हमारे रिश्ते ऊंचे लोगों से हैं, तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। इसके बाद धीरज थाने पहुंचा, लेकिन उसकी फरियाद वहां नहीं सुनी गई। हार-थक उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया और डॉ गिरिजा तिवारी के साथ ही उनके पति डॉ रंगनाथ तिवारी व अस्पताल के स्टाफ के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद दायर कर दिया। इन लोगों पर पैसों के अभाव में जान-बूझकर नवजात को मार डालने और मारपीट करने का आरोप लगाया गया है।
(नोट-बक्सर खबर डॉ गिरिजा तिवारी और उनके पति पर लगाए गए इन आरोपों की पुष्टि नहीं करता है। यह मामला न्यायालय में लंबित है।)

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