बक्सर खबर। शहर से लगे मित्रलोक कालोनी में संदीप यादव का बंद घर। इन दिनों पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहां जब छापा पड़ा तो वहां से तीन युवक पकड़े गए। उन्हें देखकर यह कहना मुश्किल था कि वे अपराधी होंगे। लेकिन, बरामद पिस्तौल और उनकी गतिविधि ने उन्हें अपराधी साबित कर दिया। उनके साथ पकड़ा गया रोहन ठाकुर उर्फ दिलजले ठाकुर पूर्व से दो मामलों में वांटेड था। सोनामती गैस एजेंसी की लूट और आई टी आई मैदान से लगे फल दुकानदार पर गोली चलाने के मामले में पुलिस उसे तलाश रही थी। उसका बड़ा भाई आलोक ठाकुर भी अपराध की दुनिया का चर्चित अपराधी है।
सूचना के अनुसार वह पहले से जेल में है। उसके साथ दो युवक और पकड़े गए। कुंदन श्रीवास्तव नई बाजार और अंकित कुमार सिविल लाइन। अंकित को देख पुलिस भी सोच में पड़ गई। लेकिन, वह ऐसी जगह से पकड़ा गया था कि उसे छोडऩा मुश्किल था। सूत्रों की माने तो संदीप के घर में एक दो नहीं दस से बाहर लोगों के लिए खाना बनता था। वहां मौजूद सामान और बर्तनों को देख ऐसा अनुमान लगाया गया कि यहां प्रतिदिन कोई न कोई रहता जरुर है। यह प्रश्न उठता है कि बंद घर में अपराध की पाठशाला चलाता कौन था। जहां ऐसे किशोरों को अपराध की शिक्षा दी जा रही थी। ऐसा करने वाले सिर्फ समाज के दुश्मन नहीं। उन युवकों के भी दुश्मन हैं। जो अच्छे भले परिवार के बच्चों को जरायम की दुनिया में भेज रहे हैं।