-साम्प्रदायिक-फासीवाद के नाम पर राजनीतिक प्रदर्शन
बक्सर खबर। इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) द्वारा बक्सर में ‘साम्प्रदायिक-फासीवाद विरोधी मार्च’ निकाला गया। मार्च कवलदह पोखरा से शुरू हुआ तथा अम्बेडकर चौक, ज्योति चौक, पी पी रोड़ होते हुए शहीद भगत सिंह स्मारक स्थल पर पहुंच सभा में तब्दील हो गया। मार्च के दौरान डॉ० भीम राव अम्बेडकर, ज्योति प्रकाश और वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। मार्च की अध्यक्षता भाकपा माले के डुमराँव विधायक डॉ० अजीत कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम में शामिल डुमरांव विधायक, भाकपा माले के जिला सचिव नवीन, नीरज कुमार, राजेश शर्मा, गनेश सिंह, अंकित सिद्धार्थ सहित उपस्थित नौजवानों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
अपने संबोधन में विधायक ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 115 वीं जयंती पर भी उनकी प्रासंगिकता उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी आजादी के आंदोलन में थी। आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठन जैसे कि एबीवीवी, विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल समेत बीजेपी, पिछले कुछ सालों से भगत सिंह को फोटोशॉप द्वारा उनकी पगड़ी का रंग बदल कर अपने पोस्टरों पर इस्तेमाल कर रहे हैं। अब पीएम भी मन की बात में, भगत सिंह से प्रेरणा लेने की बात कर करते हैं लेकिन क्या सिर्फ किसी व्यक्ति की तस्वीर इस्तेमाल कर के, बिना उसके विचारों को अपनाए और उनको आत्मसात किए, आप किसी को नायक मान सकते हैं? दरअसल नहीं, क्योंकि भगत सिंह के नायकत्व का अहम हिस्सा, उनका फांसी पर झूल जाना ही नहीं है, बल्कि उनके विचार हैं।
वह विचार ही थे, जिन के कारण वह फांसी पर हंसते हुए चढ़ गए। वरना भगत सिह या किसी आम अपराधी की फांसी में क्या अंतर होता। पिछले 8 साल में तो हमने ये देखा ही है। सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में शामिल नौजवानों-एक्टिविस्ट्स के ख़िलाफ़ सरकारी तंत्र जिस दुर्भावना से काम कर रहा है, वो आपको भगत सिंह के कहे की बार-बार याद दिलाएगा। सभा को आइसा के जिला अध्यक्ष अनूप शर्मा, गनेश सिंह, अंकित सिद्धार्थ व अन्य नौजवानों ने संबोधित किया। मार्च में सुरेन्द्र प्रसाद, हरेन्द्र मौर्या, राजदेव सिंह, ओम प्रकाश, संतोष यादव, धर्मेन्द्र सिंह, नासीर हसन, सोनालाल, रास भोला सहित अनेक नौजवानों ने हिस्सा लिया। यह जानकारी मीडिया के साथ इनौस के गनेस सिंह ने साझा की है।