बक्सर खबर: कहते है जब विपति आती है तो चारों तरफ से। यह उक्ति बक्सर नालबंद टोली की रहने वाली नेहा परवीन पर सटीक गुजर रही है। पहले मां बाप का साया सर से उठा तो बक्सर में नाना-नानी के घर रह वह पढ़ाई करने लगी। इसी दौरान स्थानीय युवक पंकज दूबे से न सिर्फ प्रेम कर बैठी बल्कि जाति धर्म से उपर उठ वर्ष 2014 में दीघा कोर्ट मेें उससे पे्रम विवाह कर ननिहाल वालों को भी छोड़ दिया। लेकिन नेहा को क्या पता था कि जिस प्रेमी पर भरोसा कर वह अपनों का साथ छोड़ रही है वह उसे दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर करेगा। पंकज की नौकरी रेलवे मेें लगी थी। प्रेम विवाह के बाद उसके परिवार वाले दूसरे धर्म की लड़की को छोड़ने का दबाव बना रहे थे। मजबूर होकर पंकज उसे अपने घर रखने के बजाए डुमरांव में किराए का मकान ले रहने लगा। लेकिन इस दौरान पंकज दूसरी शादी की फिराक में लग गया। ऐन वक्त पर नेहा को उसके कार में रखे शादी का कार्ड देखकर पता चला कि वह उसे छोड़ दूसरी शादी करना चाहता है।
बक्सर खबर: नेहा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तथा 28 नवंबर 2017 को तिलक के दिन ही उसे पुलिस गिरफ्तार कर ली थी। इसके बाद पुनः नेहा को पत्नी का दर्जा देने व घर में रखने की शर्त पर उसे जमानत मिल गई। जिसके बाद वह फिर उसे लेकर डुमरांव चला आया। यहा दो माह साथ रहने के बाद नौकरी पर जाने का बहाना बना वह भाग गया। अगले चार महीने तक वह नेहा को सिर्फ आश्वासन देता रहा। लेकिन जब वह एक बार फिर से शादी की तैयारी में जुटा तो नेहा ने फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पंकज उसे अपने साथ रखने से साफ मना करने लगा है। लेकिन डुमरांव स्थित जिस मकान में पंकज ने उसे रखा है उसका महीनों का किराया बकाया है। गुरूवार को मकान मालिक ने घर में बाहर से ताला जड़ नेहा को बेआसरा छोड़ दिया। मजबूर होकर वह डुमरांव थाने आई। यहा पूरे दिन के प्रयास के बाद डुमरांव थानाध्यक्ष ने एक दो माह में मकान खाली करने की बात पर दोनों पक्षों में समझौता कराया। पति से धोखा खाई व किराए के बोझ तले दबी नेहा को अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह जाए तो कहा जाए। क्योंकि उसके परिजन पहले ही उसे छोड़ चुके है तथा अब उसके सर से छत भी छिनने वाला है। डुमरांव थानाध्यक्ष शिव नरायण राम ने बताया कि गुरूवार देर शाम ताला खुलवाकर प्रवेश कराया गया है। मामला कोर्ट के अधीन हैै।