बक्सर खबर: पीएचसी में लगातार 80 दिनों तक ड्यूटी करने वाले प्रभारी चिकित्सा प्रभारी ने इमरजेंसी, ओपीडी व प्रसूता विभाग का काम बंद कर दिया है। इधर सीएस के आदेश पर भी डॉक्टर पीएचसी में ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। शुक्रवार को इस रवैये से परेशान सीएस डॉ उषा किरण वर्मा ने दो डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया। जिसमें केसठ से ट्रांसफर किये गए डॉक्टर शत्रुध्न प्रसाद व चक्की के डॉ सूरज कुमार शामिल हैं। आदेश देते हुए सीएस ने केसठ व चक्की के चिकित्सा पदाधिकारियों को एफआईआर करने को कहा है।
शुक्रवार को ओपीडी में 150 मरीज, प्रसव के लिए छह महिलायें, इमरजेंसी के पांच केस और डायरिया से पीड़ित एक दर्जन लोगों को पीएचसी से बिना इलाज कराये वापस लौटना पड़ा। इधर, प्रति डिलीवरी छह सौ रुपये के वेतनमान पर काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं की पेट पर भी आफत आ गयी है। अहले सुबह ही आशाकर्मियों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तालाबंदी कर दिया। आशा सुनयना देवी तथा किरण देवी ने बताया कि हमलोगों को वेतनमान तो सरकार से नही मिलता है। हमलोगों एक प्रसव करवाते है तो 600 रुपये का मानदेय मिलता है। हम क्या करें।