बक्सर खबर। जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद कर दिए हैं। मौसम की मार के कारण ऐसा करना पड़ा है। लू लगने से हो रही मौत और चमकी बुखार ने सबकी चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन हो अथवा जिला प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। सभी स्कूल फिलहाल 23 तक बंद हैं। लेकिन, इस मौसम में भी आंगनबाड़ी के बच्चे स्कूल जा रहे हैं। क्योंकि प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों की चिंता सबको सता रही है। लेकिन, छोटे बच्चे जिनकी उम्र महज छह वर्ष तक होती है। उनकी चिंता किसी को नहीं। आंगनबाड़ी में पढ़ने वालों बच्चों की अधिकतम उम्र 6 वर्ष होती है।
लेकिन पोषाहार के खेल में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी भी जिलाधिकारी का ध्यान इधर नहीं दिलाना चाहती। सूचना के अनुसार जिले में लगभग 1500 आंगनबाड़ी केन्द्र चलते हैं। एक केन्द्र पर औसत बच्चों की संख्या चालिस है। अगर हम 30 का भी औसत लेकर चलें तो 45000 छात्र प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र जाते हैं। इनके स्वास्थ्य की चिंता कौन करेगा। अपने यहां तो एक सिस्टम है। कुछ भी गड़बड़ी हुई तो डीएम, एसपी, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को कोषते हैं। सिस्टम के इस खेल के बीच नन्हें बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र जाते देख लोग यहीं कहते हैं। क्या जमाना है, मीडिल और हाई स्कूल वालों को छुट्टी और छोटे बच्चों को दंड़ दे रही है सरकार।