बक्सर खबर। ऐसा भी होता है। हालाकि बहुत से लोगों को इस बात पर यकिन भी नहीं होगा। मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए जो अधिकवक्ता केस लड रहे थे। वही पीड़ित परिवार को मिलने वाला मुआवजा गटक गए। जब पीड़ित पक्ष को पता चला तो उसके पैर के नीचे से जमीन खिसकती जान पड़ी। वह न्याय के लिए आज शनिवार को डुमरांव थाने पहुंचा। पुलिस ने रहथुआ निवासी ललन पासी की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। शिकायत के अनुसार बहुत पहले गोरख पाशी की ट्रेन से गिर जाने के कारण मौत हो गयी थी।
दुर्घटना के बाद उसके पिता ललन पासी ने मुआवजे के लिए मुकदमा किया। उसे राशि मिली पर उसे वकिला संतोष मिश्रा और गीता देवी ने मिलकर वह रकम खाते से निकाल ली। इसकी जानकारी उसे बहुत देर से हुई। पीड़ित ने मुआवजा न मिलने की शिकायत फिर उच्च न्यायालय में दायर की। मध्य रेलवे हाजीपुर ने जवाब दिया कि आपके बैंक खाते में राशि जमा हो चुकी है। जब बैंक से संपर्क किया गया तो पता चला संतोष मिश्रा और गीता देवी ने मुआवजे में मिली 10 लाख 52 हजार रुपये की राशि निकाल ली है। हालाकि पीड़ित ने यह भी स्वीकार किया है कि अधिवक्ता ने उससे बहुत से कागज पर अंगुठा लगवाया। कब कैसे रुपये निकाल लिए। यह मुझे नहीं पता। पुलिस ने कहा शिकायत दर्ज कर ली गयी है। अधिवक्ता महोदय से अभी पूछताछ नहीं हुई है। जल्द ही इसका सच सामने आ जाएगा।