न्यायाधीश ने मानवता के लिए तोड़ा था प्रोटोकॉल, विदाई पर नम हुई आंखें 

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बक्सर से सहरसा स्थानांतरित हुए अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश                                              बक्सर खबर। जिला अपर सत्र न्यायाधीश-10 राकेश कुमार राकेश का स्थानांतरण बक्सर न्यायालय से सहरसा व्यवहार न्यायालय के लिए किया गया। इस अवसर पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अधिवक्ताओं ने उन्हें अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। विदाई समारोह में न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश ने कहा कि बक्सर का बार विद्वान अधिवक्ताओं से भरा हुआ है और वे अत्यंत व्यवहार-कुशल हैं। उन्होंने कहा कि वे बक्सर की यादों को अपने हृदय में संजोकर जा रहे हैं और यहां के अधिवक्ताओं को अपनी शुभकामनाएं दीं।

ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व न्यायालय में बहस के दौरान अधिवक्ता सुरेंद्र तिवारी बेहोश होकर गिर पड़े थे। न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए स्वयं उन्हें उठाकर अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, हृदय गति रुकने के कारण इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। इस मानवीय कार्य को लेकर उनकी भारी प्रशंसा की गई थी और कहा गया था कि “प्रोटोकॉल पर मानवता भारी”।अधिवक्ताओं ने कहा कि न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश के कार्यकाल में न्यायिक प्रक्रिया में सुधार और सहयोग की भावना देखने को मिली। उनके कुशल नेतृत्व और व्यवहार से अधिवक्ताओं को सकारात्मक माहौल प्राप्त हुआ। विदाई समारोह में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा, महासचिव विन्देश्वर पांडे, लोक अभियोजक नंद गोपाल, सुरेश श्रीवास्तव, जयप्रकाश चौबे, अशोक पाठक मिश्रा, मनीष पाठक, ब्रजेश त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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