कंजिया धाम : बोलिए ठाकुर जी महाराज की जय

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बक्सर खबर : डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र के अति विख्यात कंजिया धाम मंदिर का वार्षिकोत्सव शनिवार को मनाया गया। जिले के सबसे ऊंचे मंदिर की स्थापना कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुई थी। इस लिए प्रति वर्ष इस तिथि को यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन को आते हैं। मंदिर में लक्ष्मी-नारायण भगवान की आदम कद प्रतिमाएं हैं। भगवान के दर्शन के लिए इस पूरे इलाके से लोग उमड़ते हैं। इस तिथि को यहां इतनी भीड़ होती है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। मेले में श्रद्धालुओं के बीच खीर का प्रसाद वितरित होता है। जिसका आज के दिन विशेष महत्व माना जाता है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार खीर बनाने में प्रति वर्ष हजारों लीटर दूध का प्रयोग होता है। प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां मेला लगता है।

श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरित करते लोग

वर्ष 2010 में बना था नया मंदिर
बक्सर : कजियां वाले बाबा ने यहां कभी ठाकुरबारी की स्थापना की थी। इस बीच वर्ष 2010 में नया मंदिर बनाया गया। जिसमें भगवान लक्ष्मी-नारायण की पीतल की प्रतिमाएं लगाई गई। पूजन विधि के लिए यहां छोटे विग्रह भी रखें हैं। जिनके दर्शन पूजन के लिए जिले के अलावा पड़ोसी जिलों से भी हजारों की तादात में लोग आते हैं। मंदिर के संस्थापक ठाकुर जी महाराज अब नहीं रहे। वर्ष 2016 में ही वे परम पद को प्राप्त हो गए। उनके पुत्र अब यहां की सारी जिम्मेवारी संभाल रहे हैं।

कार्यक्रम में कार सेवा को पहुंचे मुखिया व अन्य

संतो का होता है जमावड़ा
बक्सर : कंजिया धाम में प्रति वर्ष संतों का जमावड़ा होता है। दूर-दराज से साधु-संत यहां पहुंचते हैं। जिनका सम्मान आयोजन समिति करती हैं। सिकरौल पंचायत के मुखिया विभोर द्विवेदी बताते हैं। यहां प्रशासनिक इंतजाम बढ़ाया जाना चाहिए। क्योंकि ग्रामीण इलाका होने के कारण रास्ते संकरे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ हो जाती है कि ग्रामीण स्तर पर उसे नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो जाता है। जिला प्रशासन चाहे तो मंदिर की व्यवस्था को देखते हुए इस क्षेत्र का व्यापक विस्तार किया जा सकता है।

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