-सांप के काटने से बड़का ढकाइच में एक की मौत
बक्सर खबर। सांप के काटने के बाद अक्सर लोग झाड़-फूंक कराने के चक्कर में पड़ जाते हैं। ऐसी ना समक्षी अक्सर मौत का सबब बन जाती है। ऐसा ही टुडीगंज में रहने वाली कविता केशरी के साथ हुआ। 28 की रात में उन्हें करैत ने काटा। परिजन उसे कंजिया धाम ले गए। छह घंटे तक लोग उसे लेकर यहां वहां घूम रहे थे। उसकी हालत बिगड़ती चली जा रही थी। हालांकि कविता को संभवत: बचना लिखा था। किसी ने स्नेक सेवर हरिओम को फोन किया।
महिला को प्रतापसागर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चौबीस घंटे तक चले उपचार के बाद उसे होश आया। एक के बाद एक कुल 35 इंजेक्शन उसे लगाए गए। तब जाकर उसने आंखे खोली। यह वाकया 28 अप्रैल की रात का है। महिला एक मई को स्वस्थ हुई। हालांकि जहर शरीर में काफी फैल जाने के कारण उन्हें इतने इंजेक्शन लगाने पड़े। अन्यथा यह केस 20 से 35 इंजेक्शन में रिकवर हो जाता है। हरिओम बताते हैं, हर मरीज के पास कम से कम तीन घंटे का समय होता है।
अगर समय रहते उपचार मिल जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है। और सांप के काटे में डरना नहीं होना चाहिए। बीते दिन एक मई को भी कृष्णाब्रह्म थाना के बड़का ढ़काइच में एक व्यक्ति की मौत सांप कांटने से हो चुकी है। वे पुरुष थे, बचने की ज्यादा संभावना थी (क्योंकि पुरुषों में ऑक्सीजन लेवल महिला से अधिक पाया जाता है)। लेकिन, उपचार न कराकर झाड़-फूंक के चक्कर में पड़े लोगों ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। इस लिए बहुत जरुरी है, ऐसे केस में अंधविश्वास को छोड़ उचित उपचार कराएं।