लीची से रखें दूरी, चमकी बना मजबूरी

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बक्सर खबर। चमकी बुखार का प्रकोप बिहार के कई जिलो में फैला हुआ है। इसके कारण लगातार मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है। ऐसे में जरुरी है कि हम एहतियात बरतें। इसका प्रभाव छोटे बच्चों पर बहुत ज्यादा है। चिकित्सक इसे जापानी बुखार मान रहे हैं। लगातार प्रयास के बाद भी कोई इस नतीजे पर नहीं पहुंचा है कि यह कैसे फैल रहा है। फिर भी लोग लीची को शक की निगाह से देख रहे हैं। क्योंकि यह बुखार उसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा हो रहा है। ऐसे में सबके लिए जरुरी हो जाता है कि छोटे बच्चों को इस फल से दूर रखें।

डाक्टर बताते हैं कि बच्चों को पक्षियों द्वारा खाए जूठे किए गए फल न खाने दें। उन्हें लू से बचाए। 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे को खाली पेट न सोने दें। बुखार होने की स्थिति में बच्चों के सर पर ठंडे पानी से भिगी पट्टी रखें। किसी तरह की कोई लापरवाही न बरते और ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। केन्द्रीय दल दो दिन पहले मुजफ्फरपुर पहुंचा था। लेकिन, किसी ठोस नतीजे पर कोई नहीं पहुंच पाया है। जबतक इस बीमारी का कारण पता नहीं चलता। तबतक ठोस व कारगर उपचार संभव नहीं है। ऐसे में जरुरी है आप और हम सभी एहतियात बरतें।

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