बक्सर खबर :होली से पहले होलिका दहन होता है। इस बार होलिका दहन का समय और तिथि 01-03-18 को रात्रि 06:58 भद्रोपरान्त दहन का मुहूर्त प्रदोष काल में है। वैसे गुरुवार को होलिका दहन होना है। इसकी विधि और मंत्र के बारे में पंडित नरोत्तम द्विवेदी से बक्सर खबर ने बात की। उन्होंने बताया ओंम होलिकायै नमः मंत्र से होलिका का पूजन एवं ढूंढा राक्षस्यै नमः से ढूंढा राक्षसी का पूजन होता है। दोनों के पूजनोपरान्त ही होलिका दहन का विधान है।शास्त्रों में होलिकोत्सव को वैदिक सोमयज्ञ कहा गया है।
आयुर्वेद के अनुसार भी जिन काष्ठों का प्रयोग होलिका दहन मे किया जाता है, वह विषाणुनाशक होता है।शास्त्रों में उदुम्बरवृक्ष(गूलर)और एरण्ड वृक्ष की टहनियों का प्रयोग होलिकादहन में प्रयोग का उल्लेख मिलता है। जो प्रकृति को विषाणु से मुक्ति में सहायक है। होलिकोत्सव मनाने के सम्बंध में अनेक मत प्रचलित हैं। ऐसी मान्यता हैं, कि पर्व का सम्बंध ‘कामदहन’ से है। भगवान शंकर ने अपनी क्रोधाग्नि से कामदेव को भष्म कर दिया था। तभी से इस त्यौहार का प्रचलन हुआ।
दूसरी प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार हिरण्यकशिपु की बहन जिनको आग मे न जलने का वरदान प्राप्त था। हिरण्यकशिपु के कहने पर भक्त प्रह्लाद को लेकर अग्नि स्नान करने लगी तो स्वयं तो जलकर भष्म हो गई और भक्त प्रह्लाद जीवित बच गए। तभी से इस त्योहार को मनाने की प्रथा चली आ रही है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह पर्व नूतन सनातन वर्ष के आगमन से पूर्व का प्रकृत्ति शोधन पर्व भी कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।