बक्सर खबर : लक्ष्मणपुर गांव बुधवार की शाम फिर हत्या का गवाह बना। यहां के निवासी रामअवध राय (38) की हत्या अपराधियों ने कर दी है। सूचना के अनुसार घात लगाए लोगों ने शाम साढ़े छह बजे वारदात को अंजाम दिया। वह युवक नहर के रास्ते बाजार से अपने गांव लौट रहा था। बाइक सवार अपराधी बगैर किसी खौफ के वहां से भाग निकले। सूत्रों के अनुसार लक्ष्मणपुर गांव वही हैं। जहां 13 अप्रैल को अपराधियों ने देर शाम घर में घूस तीन लोगों की हत्या कर दी थी।
इसकी भनक लगते ही पुलिस वहां पहुंची और शव को उठाकर थाने ले आई। इससे नाराज ग्रामीणों ने कहा पुलिस शव को लावारिस समक्ष फेंक दें। क्योंकि हमें पुलिस पर भरोसा नहीं। तेरह अप्रैल की 2017 की घटना में ट्रैक्टर चालक संतोष राय भी मारा गया था। रामअवध उसी के चाचा हैं। तीहरे हत्या कांड के बाद यह तथ्य सामने आया था। कुख्यात सुरेश राजभर के भाई मुन्ना राजभर ने इस हत्या कांड को अंजाम दिया है। बावजूद इसके पुलिस उसको गिरफ्तार नहीं कर सकी। एक बार फिर यहां एक निर्दोष की हत्या हो गई। पिछली बार हत्या हुई तो ग्रामीणों ने अपने लिए लाइसेंस की मांग की थी। उनके आवेदन लिए गए, पर फाइल डीएसपी के कार्यालय से आगे नहीं बढी। जिसका मलाल एक-एक कर कुर्बान हो रहे परिवार वालों को भी है।
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सुरेश राजभर का इसी गांव में हुआ था एनकाउंटर
बक्सर खबर : लक्ष्मणपुर गांव उस समय चर्चा में आया था। जब बिहार के मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल सुरेश राजभर मारा गया था। दो दिनों तक चली मुठभेड़ में सात अपराधी मारे गए थे। जिनका शव लेने कोई पुलिस के पास नहीं आया। तत्कालीन एसपी उपेन्द्र कुमार सिन्हा ने उन शवों को स्वयं जलवाया। अब उसी अदावत में हत्या हो रही है।
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