– मुनि केवल नाम में नहीं, स्वभाव से भी संत थे: आरिफ मोहम्मद खान
बक्सर खबर। सोमवार को नगर भवन में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद स्व. लालमुनी चौबे की नौवीं पुण्यतिथि पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता झूलन दुबे ने की, जबकि संचालन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह एवं राजवंश सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुआ। जिसके बाद स्व. लालमुनी चौबे के राजनीतिक जीवन पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा ने स्व. लालमुनी चौबे के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया। उन्होंने कहा, “लालमुनी चौबे सुचिता और पवित्रता के प्रतीक थे। उनका जीवन सादगी और ईमानदारी की मिसाल था। वे धरती को बिछौना और आकाश को छत मानने वाले राजनेता थे। उनकी राजनीति का मूल उद्देश्य केवल और केवल जनसेवा था।” उन्होंने आगे कहा कि चौबे जी की छवि पार्टी की सीमाओं से परे थी। विपक्षी भी उनकी सहजता और सादगी के कायल थे। वे भारतीय राजनीति के उन गिने-चुने नेताओं में से थे, जिन्होंने सत्ता को सेवा का माध्यम बनाया और निष्पक्षता से अपनी भूमिका निभाई।

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने संबोधन में स्व. लालमुनी चौबे को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मैं स्व. लालमुनी चौबे के साथ संसद का सदस्य रहा। उनके नाम में ही ‘मुनि’ नहीं था, बल्कि वे स्वभाव से भी संत थे।” उन्होंने चौबे जी की राजनीतिक जीवनशैली को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि वे दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े होने के बावजूद वामपंथी नेताओं से भी मधुर संबंध रखते थे। उनके राजनीतिक आचरण में शुचिता और सेवा भावना झलकती थी।
कार्यक्रम के दौरान मनोज सिन्हा ने स्व. चौबे से जुड़ा एक संस्मरण साझा किया। उन्होंने बताया कि एक बार चौबे जी भभुआ से बनारस एयरपोर्ट जा रहे थे, जब उनकी गाड़ी का चालान कर दिया गया। उन्होंने न तो अपना परिचय दिया और न ही किसी पुलिस अधिकारी से कोई विशेष आग्रह किया। नतीजा यह हुआ कि उनकी दिल्ली की फ्लाइट छूट गई, लेकिन उन्होंने नियमों का पालन करना अधिक जरूरी समझा। इसी तरह, महिला आरक्षण के मुद्दे पर भी उन्होंने संसद में समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को करारा जवाब देते हुए उन्हें समाजवाद का सही अर्थ समझाया था।

इस अवसर पर कई वरिष्ठ नेताओं ने भी स्व. लालमुनी चौबे को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी, पूर्व विधायक दिलमणी देवी, पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला,भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन, पूर्व जिलाध्यक्ष भोला सिंह, पूर्व विधायक ललन पासवान, लालमुनी चौबे के छोटे पुत्र शिशिर चौबे, जदयू जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रियव्रत सिंह, शिवजी खेमका, शीला त्रिवेदी, पूनम रविदास,इंदु देवी, शेषनाथ पाठक, अजय वर्मा, धनंजय राय, ज्वाला सैनी, विनोद चौधरी, सोनू राय, धर्मेंद्र पांडेय उमाशंकर राय सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने स्व. लालमुनी चौबे के आदर्शों को आत्मसात करने और उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से शिशिर की प्रशंसा करते हुए कहा। इस आयोजन के लिए आपने मुझे याद किया, इस लिए आप बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम श्रद्धेय लालमुनी चौबे स्मृति संस्थान बैनर तले आयोजित किया गया था।