बक्सर खबर। जिले में एक नया मामला इन दिनों चर्चा में है। थानाध्यक्ष ने ही थाने की जमीन बेच दी है। यह आरोप नावानगर के लोगों ने लगाया है। जिसका आवेदन जांच के लिए एसपी के पास पहुंचा है। पिछले सप्ताह जिले की कमान संभालने वाले एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। सोमवार को इसकी जांच के लिए डुमरांव के डीएसपी केके सिंह व सर्किल इंस्पेक्टर अविनाश कुमार वहां पहुंचे। थानाध्यक्ष जुनैद आलम भी वहां मौजूद थे। जांच में पता चला थाना परिसर की चारदीवारी तोड़कर किसी व्यक्ति के लिए निजी रास्ता दे दिया गया है। जो लगभग दस फीट चौड़ा और 40 फीट लंबा है।
संबंधित व्यक्ति ने नई दीवार बनाकर उसमें अपना गेट भी लगा दिया है। जिसका घर थाने के पीछे स्थित है। इतना ही नहीं थाना परिसर से ही होकर वहां स्थित सायर व सति माई के मंदिर तक रास्ता जाता था। उसे भी बंद कर दिया गया है। जांच को पहुंचे अधिकारियों से थानाध्यक्ष ने कहा पीछे वाले घर तक जाने का रास्ता नहीं था। थाना परिसर से ही होकर लोगों का आना-जाना लगा रहता था। जिस पर रोक लगाने की बात पूर्व के एसपी ने कही थी। उनके निर्देश पर ही ऐसा किया गया। इस मामले में किसी तरह के भ्रष्टाचार की बात गलत है।
शिकायत कर्ता भी मुकरे
बक्सर खबर। एसपी को जांच के लिए जो आवेदन दिया गया है। उसमें वर्तमान मुखिया मुन्ना सिंह व बीडीसी का हस्ताक्षर है। सोमवार को जब मीडिया के लोग जब मौके पर पहुंच उनसे बात की तो उन्होंने कहा पता ही नहीं किसने आवेदन दिया। हम स्वयं उसका पता लगा रहे हैं। लेकिन एस आवेदन में कहा गया है। छह लाख रुपये में यह सौदा हुआ है। इस वजह से इसकी चर्चा पूरे नावानगर प्रखंड में फैल गई है।
क्या कहा जांच को पहुंचे डीएसपी ने
बक्सर खबर। जांच को पहुंचे डीएसपी केके सिंह ने कहा यहां चहारदीवारी तोड़कर रास्ता दिया गया है। यह बात सामने आई है। इसके लिए कहीं से प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई। बगैर अनुमति के ऐसा नहीं होना चाहिए। हालाकि संबंधित पक्ष से कागजात की मांग की गई है। इसकी रिपोर्ट एसपी को भेजी जाएगी। इस मामले में जब कानून के जानकारों से बात की गई तो उन्होंने कहा अगर जनहित में ऐसा किया गया है तो इसकी अनुमति जिलाधिकारी के स्तर से दी जा सकती है। जमीन के मामले में उनकी अनुमति के बगैर ऐसा नहीं किया जा सकता।