बक्सर खबर। लोकसभा चुनाव आते ही सबसे अधिक चर्चा अगर किसी की होती है तो वह है ददन यादव की। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में उन्होंने अपनी हैसियत साबित कर दी है। उन्होंने सपा, बसपा का भी दामन थामा। इसको लेकर राजनीतिक चुटकी लेने वालों ने कई व्यंग किए। लेकिन उन्होंने 2014 के चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर वह कर दिखाया। जो किसी भी दल के उम्मीदवार नहीं कर सके।
बक्सर लोकसभा के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने सारे प्रत्याशियों को शिकस्त दी। वहां के आंकड़ों पर नजर डालें तो अश्विनी चौबे को 38596, जगतानंद को 37660, एवं जदयू के श्यामलाल कुशवाहा को 15284 मत मिले थे। ददन ने यहां सभी को शिकस्त देते हुए 44 291 मत प्राप्त किए थे। निर्दलीय उम्मीदवार होने के बाद भी उन्होंने 1 लाख 84 हजार 788 मत प्राप्त किए थे। इस तरह वे तीसरे स्थान पर रहे। निर्वाचित हुए अश्विनी चौबे को कुल 3 लाख 19 हजार 12 मत मिले थे। दूसरे स्थान पर रहे राजद के जगदानंद सिंह को 1 लाख 86 हजार मत मिले थे। ददन यादव उनसे महज दो हजार पीछे थे। उन्हें कुल 1 लाख 84 हजार 788 मत मिले थे। श्याम लाल कुशवाहा को 1 लाख 17 हजार 12 मत मिले थे। पिछली बार के चुनाव में कुल 16 लोग चुनावी मैदान में थे। जिसमें 9179 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था। लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 लाख 79 हजार 25 लोगों ने मतदान किया था। यह है लोकसभा चुनाव में ददन यादव की हैसियत। जिसके बल पर वे आज भी चुनाव लडऩे का दावा कर रहे हैं। क्योंकि वे जानते हैं उनको मिले मत किसी दल के नहीं ददन यादव के खुद के परिश्रम का परिणाम है।
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