बक्सर खबर। अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की हत्या इस लिए हुई थी कि उनकी बेटी के साथ सोहनी पट्टी के युवक ने छेड़खानी की। इसका उन्होंने विरोध किया। महिला थाना ने उनकी बेटी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने में पन्द्रह दिन से अधिक का वक्त लगाया। काफी हंगामे के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें समझौते के लिए उनके परिवार पर दबाव बन रहा था। अंतत: प्रेमप्रकाश की हत्या हो गई।
हत्या के मामले में न्यायालय का ऐसा फैसला आया कि आमजन ने उसका विरोध किया। उससे पूर्व महिला थाने में दर्ज हुए मुकदमा संख्या 38/15 में आज मंगलवार को फैसला आया है। एसडीजीएम राजेश रंजन सिंह की अदालत ने विभिन्न धाराओं में आरोपी गोपाल श्रीवास्तव उर्फ सल्लू को दोषी मानते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई है। 354, 326, 509 आदि धाराओं में अगल-अलग सजा हुई है।
कुल मिलाकर पांच वर्ष कारावास और जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया गया है। पीडि़त पक्ष की तरफ से अधिवक्ता शिवशंकर सिंह व बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता अनिल ठाकुर ने पैरवी की। न्यायिक सूत्रों ने बताया कि इस मामले में दोषी को तीन वर्ष से अधिक सजा होने के कारण जमानत नहीं मिली। उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। वैसे बचाव पक्ष इस मामले को अपील में लेकर जा सकता है। इसके लिए उन्हें जिला जज की अदालत में याचिका दायर करनी होगी।