बक्सर खबर। यूपी में बलिया जिला के हल्दी थाना गांव जवहीं निवासी मंटू यादव की हत्या 24 जून की रात सीने में गोलीमार कर दी गई थी। 25 जून को बिहार के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र में स्थित जवहीं गांव में बक्सर-कोईलवर तटबंध के किनारे उसका शव मिला था। पिता दरोगा यादव ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया। पुलिस के लिए आरोपी तक पहुंचना मुश्किल हो गया था। एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने डुमरांव एसडीपीओ केके सिंह के नेतृत्व में टीम बनाई। उन्होंने इस घटना पर वर्क आउट शुरू किया तो ग्रामीण सूत्रों ने कई चैकाने वाले खुलासे किए। जिसके बाद पुलिस ने मंटू के चचेरे भाई सुनील यादव पिता भृगुनाथ यादव को हिरासत में ले लिया ।
उसे ब्रह्मपुर थाना लाकर पूछताछ शुरू की। पता चला कि सुनील यादव व दरोगा यादव के बीच एक नही आधा दर्जन विवाद है। उसके वावजूद शराब की तस्करी से लेकर लूट व छिनतई तक सुनील व मंटू साथ रहते थे। घटना के दिन बक्सर-कोइलवर तटबंध पर पहुंचे। जहां बात की जाल में मंटू को सुनील व अन्य लोगों ने फंसाए रखा। इधर सिंटू यादव के ममेरे भाई में गोली मार दी। इसी बयान के साथ पुलिस ने मंटू हत्याकांड का खुलासा 48 घंटों के अंदर कर दिया। सुनील को जेल भेज दिया गया। अन्य अपराधियों के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। हत्याकांड का खुलासा करते हुए डुमरांव एसडीपीओ केके सिंह ने कहा कि मंटू हत्याकांड में सुनील ने जो बयान दिया है। उसके अनुसार पांच लोगों ने मिलकर साजिश की है। जिसमें कई मोस्टवांटेड़ है। हत्या के दिन सभी अपराधी एक साथ जूटे थे। गंगा तट पर काफी देर तक साथ रहे। उसके बाद लूट का प्लान बनाया। परंतु वह लूट नही मंटू की हत्या का प्लान बनाया गया। उसे किसी तरह रात में अपने साथ में बुलाकर गोली मारनी थी।