माउथ मीडिया : विकास की क्या बात जनाब जाति ही काफी है…

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बक्सर खबर। चुनावी सरगर्मी कोरोना को मात दे रही है। प्रत्याशी सिम्बल के इंतजार में अभी किनारे हैं। लेकिन मान्यता प्राप्त दल वाले जो आपने को सीधी टक्कर में बात रहे हैं। वे घंटे-घंटे का सदुपयोग कर रहे हैं। इस चुनावी माहौल में बतकुच्चन गुरु की याद आई। हमने उन्हें फोन मिलाया। सुबह घंटे भर तो बात नहीं हुई। फिर अचानक मैसेज आया। फोन चालू है, हमने भी तपाक से फोन मिलाया। दुआ सलाम के बाद मैंने पूछा कहां रहते हैं। पिछले सप्ताह भी बात हुई। इतना कहने की देर थी फिर बतकुच्चन गुरू शुरू हुए। कइसे बात होगा। फोन रोजे बेचा रहा है। नेटवर्क का विकास हो नहीं रहा। एगो टावर पर दो-दो कंपनी वाला एंटीना टांगा है। आ एगो फोन में दुगो सिम ठूंस दिया है।

एगो में दुगो से याद आया। ओहू सब के बाप इ पार्टी वाला सब नेता है। एगो गठबंधन बनाया है। ओमा दुगो, तीन गो, चार गो दल के ठूंसे है। सब जानता है, मोबाइल में टावर रहे न रहे, ऑफर दीजिए कस्टमर खींचिए। अब देखिए अगर विकास की बात होती तो यहां जाति पर गठबंधन होता। मुर्दा-मुर्दा पार्टी के टिकट मिला है। अब डुमरावें अनुमंडल में देख लिजिए। लोग कह रहे हैं फलनवा को विकास पर भरोसा है। अरे जहां विकास मुद्दा होता। उहां जाति पर गठबंधन होता। कुछ मिला कह रहा है। विकास नहीं हुआ सत्ता के खिलाफ आक्रोश है। आक्रोश है तो तू काहे काम और दाम से गठबंधन कर रहे हो।

सबके पता है यहां जाति पर खेला होता है। कवनो सांच नहीं बोलता है। एकर मुख्य कारण सीधा है। यहां जौन मिला आगे-आगे नेता बना हुआ है। व जाति के पार्टी चला रहा है। बात विकास अउर बेरोजगारी के बतिया रहा है। जौन रफ्तार से देश के जनसंख्या बढ़ रहा है। यहां सबका के कबो नौकरी मिलेगा। यहां थरिया पीट के सड़क पर कहता है। हमके रोजगार चाहिए। रोजगार करे वाला खुद के काम करता है। ओकरा फुर्सत है सड़क पर थरिया पिटेला। जौन मिला पढ़ाई किया है। व तैयारी में लगा है। नेता के पीछे घूमे वाला के नौकरी मिलेगा।

बतकुच्चन गुरु की लंबी होती बात को देखकर मैने उन्हें टोका। गुरु नामांकन का काम खत्म हो गया है। आपको पता है कहां से कौन-कौन उम्मीदवार है? मैने उनको टोका तो थोड़े नाराज हुए। तुनकर बोले हम मीडिया वाला हैं। दिन भर पागल की तरह कौन आया कौन गया पता करते रहें। एके बार चुनाव चिह्न बटेगा तब देखेंगे। केतना मनई बचा है मैदान में, का समझे। मैंने कहा जी जी, जय राम जी, रखते हैं, थोड़ा लिखते हैं। मेरी बात सुन वे हंसने लगे। फिर संवाद का अंत हुआ।
नोट- माउथ मीडिया बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं।

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