बक्सर खबर। अपना जिला इन दिनों हत्या, लूट और गोलीबारी की घटना के कारण उपहास का कारण बन गया है। धर्म की नगरी कहीं अपराध के रास्ते पर तो नहीं चल पड़ी। इसकी चर्चा आजकल आम है। लोग कहने लगे हैं। अब बक्सर पहले जैसा नहीं रहा। इसकी आबो हवा को किसी की नजर लग गई है। इसके लिए जिम्मेवार कौन है। यह चर सवाल सबकी जबान पर है। इस बीच गुरुवार को बतकुच्चन गुरु से मुलाकात हो गई। मिलते ही उन्होंने मुझसे सवाल दागा। ऐसा क्यूं हो रहा है। इसके लिए कौन जिम्मेवार है? मैंने कोई जवाब नहीं दिया। क्यूं कि बतकुच्चन गुरु जवाब भी स्वयं ही देते हैं। सो मैं उनको सुनने लगा।
वे बोले जा रहे थे। ससुरा इस शहर का कल्याण नहीं होगा। यहां गोली, वहां गोली। जब कछु होता है तो सब मनई पुलिस अउर प्रशासन को गरियाता है। रोक नहीं लग रही। अरे रोक तू लोग कांहे नहीं लगाते हो। इ तो सब जान चुका है। जौन भी हो रहा है सब लौंडे कर रहे हैं। जहां देखिए कटा-गोली और पिस्टल कमर में बांध के चलते हैं। सब के सब ससुर आवारा हैं। घर वाले खुद के लौंडे पर रोक नहीं लगा रहे। अरे चेतो-चेतो नहीं तो पछतावा के अलाव कछु हाथ नहीं लगेगा। कवनों जिला के पुलिस इ न चाहे हैं कि हमारा यहां गोलीबारी हो। अगर जिला शांत रहेगा तो उ लोग भी आराम से कमाएगा। रात में ट्रक से वसूलेगा और दिन में केस-फेस से नाम निकाल के कमा लेगा। लेकिन, जहां गोली चलेगा। उहां त इन सब के आमदनी भी खराब अउर पब्लिक गाली देगी से अलग। अइसन में कौन पुलिस वाला चाहेगा कि हमारा इलाका में गड़बड़ हो। इतना कहने के बाद बतकुच्चन गुरु ने सांस ली। फिर मेरी तरफ मुखातिब हुए और बोले। जेतना तेजी से जिला में इस सब हो रहा है। उ बहुत चिंता का बात है। अगर अपन बच्चन पर माई बाबू ध्यान न देंगे तो जिला का जो होगा सो होगा। उनके खुद का घर परिवार और इज्जत सब चौपट होना तय है। इतना सुन मैंने उनको अभिवादन किया और अपने दफ्तर लौट गया। मुझे बार-बार उनकी बातें याद आ रहीं थी। कम उम्र के बच्चे गोलबंदी में जो कर रहे हैं। सच में वह आने वाले कल के लिए बहुत बुरा है।