बक्सर खबर। बतकुच्चन गुरु से पिछली शाम शहर के पीपी रोड में मुलाकात हो गई। मैंने देखा एक दम अकेले लोगों से दूरी बनाए। एकांत में बैठे थे। मुझे पास आता देख हंसते हुए बोले। नमस्कारम-नमस्कारम हाथ नहीं मिलानम। मैं उनके इशारे समझ गया। उनसे मुलाकात हो। और कुछ बात न हो। यह अच्छा नहीं लगता। मैंने उनसे पूछा। रात के नौ बजने वाले हैं। आप यहां घुम रहे हैं। मुंह ढांक के बैठे हैं। क्या वजह है। वे शुरू हो गए। गुरू तू ना सुधरोगे। अरे हम का तोप के बैठे हैं। मुंह तो उ लोग छीपा के बैठा है। जौन विदेश में रहता था। जौन उहां घुमे जाता था। फेसबुक पर फोटो डाल के लिखता था। हम, खलिफा देख रहे हैं, टावर पर चढ़े है, कवनो मिला होटल के फोटो डाले त कवनो टावर का। अब पूछने पर भी न बतावे है। कहां से आवे हैं। कल तक जौन मिला छतिया के बोलत रहा। हमार बिटवा अमरिका गया है। उ आज पूछे पर न बतावे हैं। सब घर में लुकाया है। फिलिमवा वालन का तो दुकाने बंद हो जाएगा लगता है।
सरकारो परेशान है। साफ-सफाई के लिए इहां के लोगन के सीखा रही है। लोटा मत फेरो, 12 हजार ले लो। चिमकी की आदत छोड़ो। पर कवनो सुधरे वाला है। अब रोना-धोना मचा है। जब समझाता है तो इन सबको बुझाता नहीं है। जब कछु पूछा जाता है, तो कवनो बताता नहीं है। सरकार डकर रही है। आव-आव विदेश गए रहे त हमार यहां जांच कराव। पर कवनो जाता नहीं है। अरे यहां गली-गली में लुटेरा है सब। इ मुह ढ़पनी लेबे बदे हम पीपी रोड में एगो दुकान पर गए रहे। 70 रुपया मागिस। हम कहें काहे लूट रहे हो। त कहता है हम नहीं सरकार लूट रही है। हम पूछे सनटाइजरवा है। कहने लगा, उसे तो सरकार को फ्री में बांटना चाहिए। उनकी बाते सुन मैं हंसने लगा। कहा चलता हूं। वे बोले जाओ गुरु, सबको बताओ, हट के रहो, सट के मत बतिआओ, कछु करो चाहे मत करो। समाज में अच्छा संदेश दो वायरस मत फैलाओ। बुदि्ध हो तो 22 को भीतर रहो। बाहर मत आओ। (माउथ मीडिया-बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप अपने सुझाव हमें इमेल अथवा कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं)