बक्सर खबर। माउथ मीडिया
पिछले पन्द्रह दिनों से मैं जिले से बाहर था। वापस लौटने पर शुक्रवार को बतकुच्चन गुरु से मुलाकात की इच्छा हुई। मैंने शहर के दो तीन चक्कर लगाए। लेकिन उनसे देर शाम तक मुलाकात नहीं हुई। पिछला सप्ताह ऐसे ही गुजर गया। आज शुक्रवार को मैं उनसे मिलने की गरज से शहर पहुंचा। जैसे ही सामने पड़े जोर से बोले ईद मुबारक हो गुरु।
मैंने कहा पिछले शुक्रवार को मैं आपसे मिलने की गरज से दो बार इधर आया। आप कहां थे दिखे ही नहीं। उन्होंने बताया गुरु ईद का त्योहार था। उसकी की तैयारी में व्यस्त थे। लेकिन यह ईद तो बड़ी लाजवाब निकली। महबूबा के लिए, ईद गई तो कुर्सी गई। अब सीजफायर खत्म है, न जाने कितने मिला की कुर्सी ए गर्मी में उबल जाएगी। बतकुच्चन गुरु की बात मेरे पल्ले नहीं पड़ी। लेकिन, बीच में बोलना उनका जायका बिगाडऩे जैसा था। इस लिए सुनता रहा। बोले हमरा कौनौ आदमी नहीं मिला। जेकरा से हम पता करें ईद बाद केतना मिला के कुर्सी खिसके वाली है।
चारो तरफ सेटिंग चल रहा है। नेवता से लेकर दरबार तक सज रहे हैं। कल तक जवन नेतवन सब के कोई पूछ नहीं रहा था। उ सब बगैर सिजन के कुर्ता चकाचक पहीन के घूम रहा है। सब इसे सोच रहा है, हमारा अच्छा रेट मिल जाता। ससुर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के भ्रष्ट बतावे वाला इस सब अपने बेचाए बदे तैयार हउन। इतना बोल बतकुच्चन गुरु मेरी तरफ इशारा कर बोले तोहके पता हौ नेतवन के केतना रेट मिलत ह मंडी में। मैने ना के इशारे में गर्दन हिलाई। वे बोले देख गुरु समय आ गइल हउए। जून के बाद प्रमुख, उप प्रमुख, जिला परिषद सब पर अविश्वास आना तय हौ। सब लोग नाली गली में बिजी है। नेतवन सब सटियावे में लागल हउन। बहुत जल्द मीडिया वालन के पता चली। जिले में कहां-कहां से अविश्वास प्रस्ताव आवे के खबर हौ। उनकी बाते अब मुझे समक्ष में आई। पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समय पूरा हो गया है। अर्थात कई प्रमुख व जिला परिसद अध्यक्ष तक अपनी कुर्सी बचाने में जुट गए होंगे। मैंने बतकुच्चन गुरु से विदा लिया और अपने दफ्तर के तरफ निकल पड़ा। समझ गया अब मुफ्ती के बाद इन नेताओं की बारी है।