संग्रहालय बना बच्चों का ज्ञान केंद्र, ग्लोबल विस्डम स्कूल के छात्रों ने किया दौरा

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फोटो प्रदर्शनी और लघु फिल्म के जरिए विरासत से जोड़ने की अनूठी पहल                                        बक्सर खबर। सीताराम उपाध्याय संग्रहालय इन दिनों शहर का चर्चित शिक्षा केंद्र बन गया है। आमलोगों, खासकर स्कूली बच्चों और युवाओं को बक्सर की विरासत से जोड़ने के लिए यहां समय-समय पर फोटो प्रदर्शनी, लघु फिल्म और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र आगंतुकों और स्कूली बच्चों को न सिर्फ संग्रहालय की चीजों की जानकारी देते हैं, बल्कि जिलें की ऐतिहासिक विरासत के बारे में भी विस्तार से बताते हैं। उनकी दिलचस्प जानकारी देने की शैली से बच्चे काफी प्रभावित हो रहे हैं। गुरुवार को इटाढ़ी रोड स्थित ग्लोबल विस्डम स्कूल के बच्चों और उनके शिक्षकों ने बड़ी संख्या में संग्रहालय का भ्रमण किया। सभी ने यहां की विरासत और ऐतिहासिक चीजों को बड़े गौर से देखा और जाना।

कुछ दिन पहले लक्ष्य कोचिंग संस्थान के युवा-युवतियों ने भी संग्रहालय का दौरा कर बक्सर की ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी हासिल की। सभी ने यहां की चीजों को सराहा और बहुत कुछ नया सीखा। संग्रहालय में एक खास लघु फिल्म भी दिखाई जाती है, जिसमें बक्सर की विरासत, इतिहास और संग्रहालय में रखे गए पुरावशेषों के बारे में संक्षेप में बताया गया है। यह फिल्म बच्चों के लिए बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक साबित हो रही है। डॉ मिश्र ने बच्चों और शिक्षकों को चौसा का युद्ध, टेराकोटा की मूर्तियां, बक्सर की लड़ाई, डुमरांव की विरासत, राजा भोज का किला, राजपुर का विरासत भवन, देवढिया सूर्य मंदिर और सिताबपुर की दुर्गा-गणेश मूर्तियों के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। संग्रहालय की टीम ने बच्चों और शिक्षकों से अपील की कि वे स्कूल के साथ-साथ गांव और समाज में भी अपनी विरासत के महत्व और उसके संरक्षण के बारे में जानकारी फैलाए। इस मौके पर शिव दूबे, प्रकाश पांडेय, निशा राय, विकास पांडेय और अयोध्या नाथ पांडेय ने भी अपने विचार रखे और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

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