मेरे राम के साथ न हो राजनीति: महंत राजाराम

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बक्सर खबर। भारतीय संस्कृति के नायक मर्यादा पुरुषोत्तम राम पिछले 25 वर्षों से देश की सियासत के केंद्र में हैं। हालात तो ऐसे हो चुके हैं कि अब राम का नाम ही तय करता है कि सत्ता की चाबी किसके हाथ होगी। राममंदिर कश्मीर से भी भयावह मुद्दा बन चुका है। हावड़ा से हैदराबाद तक राम के नाम पर मारकाट मची है। बीते रामनवमी के बाद से जो हालात है उन्हें देखने के बाद लगता है कि राम का नाम हाइली सेंसिटिव हो चुका है।

संसद से सड़क तक राम पर रार मची है। लेकिन राम को लेकर जो कुछ हो रहा है, वह बहुत सारे संतों को खल रहा है। वे भी कहते हैं- राम-राम, ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐेसे ही संतों में शामिल हैं बक्सर के सीताराम राम विवाह महोत्सव के महंत राजाराम शरण भी शामिल हैं। उन्हें बुरा लगता है कि राम को राजनीति का औजार बना दिया गया है। सत्ता पाने के लिए लोग राम के नाम पर एकदूसरे को लड़ा रहे हैं। बक्सर खबर से आज शुक्रवार को हुई विशेष बातचीत में महंत राजाराम शरण ने राम के राजनीतिक इस्तेमाल को बेजा बताया। उन्होंने कहा कि राम के नाम पर राजनीति बंद होनी चाहिए। अयोध्या में राममंदिर पहले से था। लिहाजा मंदिर केनिर्माण की बात ही बेमानी है। हमें तो वहां मंदिर का जीर्णोद्धार भर कराना है। राम के नाम पर राजनीति बंद होनी चाहिए। बड़ा दुख होता है जब हमारे राम को राजनीति की गली में घसीटा जाता है।

राम और राम मंदिर पर क्या कहा महंत राजाराम शरण ने सुुनने के लिए यहां क्लिक करें।

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