बक्सर खबर। समीक्षा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर नंदन गांव में 12 जनवरी को हुए हमले में दो दर्जन लोग दोषी पाये गये हैं। घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने पटना जोन के आईजी नैय्यर हसनैन खां और पटना के डिविजनल कमिश्नर आनंद किशोर की टीम गठित की गई थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सूत्र बताते हैं कि रिपोर्ट में यह बात निकल कर आ रही है कि समीक्षा यात्रा के पहले ही मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले की योजना बना ली गई थी। सुरक्षा में चूक की बात भी सामने आयी है। कहा यह भी जा रहा है कि अगर सुरक्षाकर्मी मोर्चा नहीं संभाले होते तो मुख्यमंत्री को खतरा हो सकता था।
बता दें कि विकास समीक्षा यात्रा के दौरान बक्सर के डुमरांव प्रखंड स्थित नंदन गांव के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर लोगों ने हमला कर दिया था। काफिले पर पत्थर फेंके गये। मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल ब्रांच की टीम पर थी। सुरक्षा घेरे के बावजूद नीतीश कुमार के काफिले पर हुए हमले ने फाइव लेयर सुरक्षा की पोल खोल दी है। मुख्यमंत्री के काफिले पर उग्र हो अचानक टूट पड़े लोगों ने पत्थर फेंक कर दर्जनभर गाडिय़ों के शीशे तोड़ डाले। हमले में करीब दस लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे। डुमरांव के थानाध्यक्ष सुबोध कुमार का सर फट गया था। इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने पटना जोन के आईजी नैय्यर हसनैन खां और पटना के डिविजनल कमिश्नर आनंद किशोर की टीम गठित की थी। घटना के दिन ही दोनों अधिकारी बक्सर पहुंच गए थे । पहले दिन प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की । दूसरे दिन नंदन गांव जाकर लोगों से मिले और पूरी घटना को तह तक जानने प्रयास किया था ।