-1500 लोग बाहर जाकर करा चुके हैं इलाज, कार्ड धारकों की संख्या है साढ़े छह लाख
बक्सर खबर। जिले का एक भी निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना की कसौटी पर खरा नहीं है। जिसके कारण जिले में चलने वाला कोई निजी अस्पताल इस योजना के तहत निबंधित नहीं है। हालांकि निजी अस्पतालों को उससे जोड़ने की कवायद हो रही है। बीते दिन रविवार को इसके लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डीडीसी महेन्द्र पाल ने की। बैठक में यह बात खुलकर सामने आई कि यहां लगभग 30 अस्पताल हैं। जो स्वास्थ्य विभाग की सूची में शामिल हैं। लेकिन, वहां इस योजना के तहत उपचार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में 1500 से अधिक मरीज बिहार से बाहर जाकर अपना उपचार करा चुके हैं।
कार्यशाला में तीस से अधिक निजी अस्पतालों के प्रबंधन से जुड़े लोग शामिल हुए। उन्हें बताया गया, सरकार ने निबंधन की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। यह जानकारी सिविल सर्जन ने दी। उन्होंने कहा आयुष्मान भारत के तहत निजी अस्पतालों का पंजीकरण की प्रक्रिया आसान हो गई है। प्रत्येक स्तर पर जिला क्रियान्वयन इकाई बक्सर की टीम पंजीकरण करने हेतु निजी अस्पताल का सहयोग करेगी। डॉक्टर आलोक रंजन सिंह ऑपरेशन डायरेक्टर के द्वारा निजी अस्पतालों का सूचीबद्ध करने के लिए आयुष्मान भारत का दिशा निर्देश का विस्तृत विवरण निजी अस्पतालों से साझा किया गया और बताया गया कि आवेदन देने के लिए अस्पताल का क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन, फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट, बायो वेस्ट मैनेजमेंट सर्टिफिकेट एवं पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का अपडेट रहना अनिवार्य है।
बहुत जल्द कुल आबादी के लगभग 85% आबादी आयुष्मान भारत की लाभार्थी होगी। डॉ अशोक प्रसाद केसरी के द्वारा बताया गया कि बक्सर जिला में वर्तमान में कुल 6 लाख 47 हजार आयुष्मान भारत के लाभार्थी हैं। इसके अलावे 38952 निबंधित श्रमिक भी आयुष्मान भारत के लाभार्थी हैं। जिनमें से 137000 लाभार्थी एवं 1818 निबंधित श्रमिकों का गोल्डन कार्ड निर्गत किया जा चुका है। अन्य लाभार्थी एवं श्रमिकों का गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया जिला के सभी वसुधा केंद्र पर उपलब्ध है। अभिषेक कुमार जिला आईटी प्रबंधक के द्वारा हॉस्पिटल इंपैनलमेंट मैनेजमेंट पोर्टल पर निजी अस्पतालों का यूजर क्रिएशन एवं आवेदन भरने की प्रक्रिया का एक प्रेजेंटेशन दिया गया। कार्यशाला में सिविल सर्जन बक्सर, वरीय उप समाहर्ता, ऑपरेशन डायरेक्टर बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति पटना, जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला आईटी प्रबंधक, आयुष्मान भारत उपस्थित थे।